• होशियारपुर की राजनीति में मची खलबली
• समर्थकों नें ढोल की धाप पर किया स्वागत
होशियारपुर ( तरसेम दीवाना ) सुंदर शाम अरोड़ा की कांग्रेस में वापसी ने पंजाब, विशेषकर होशियारपुर की राजनीति में हलचल मचा दी है। अरोड़ा, जिन्होंने करीब डेढ़ साल पहले कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थामा था, अब फिर से कांग्रेस में लौट आए हैं। उनकी इस “घर वापसी” ने एक तरफ कांग्रेस खेमे में नई उम्मीदें जगा दी हैं, तो दूसरी ओर भाजपा के भीतर खलबली मचा दी है।
जब अरोड़ा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा का दामन थामा था, तो पार्टी के कई नेताओं ने उनका खुले दिल से स्वागत किया था। हालांकि, भाजपा के वरिष्ठ नेता तीक्ष्ण सूद ने उस समय इस पर कोई टिप्पणी नहीं की थी। अब, जब अरोड़ा ने भाजपा छोड़कर फिर से कांग्रेस का रुख किया, तो तीक्ष्ण सूद ने जनता को आगाह करते हुए अरोड़ा को “दलबदलू” का खिताब दे दिया।
सूद का यह बयान भाजपा के भीतर मची खलबली को और बढ़ा रहा है। पार्टी के कई नेता, जो अरोड़ा के पार्टी में शामिल होने के फैसले से खुश नहीं थे, अब खुलकर अपनी असहमति जताने लगे हैं। भाजपा के कुछ अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि अरोड़ा जैसे नेताओं का पार्टी में होना, पार्टी के अनुशासन और एकता को कमजोर करता है।
अरोड़ा की कांग्रेस में वापसी से पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं में उत्साह है। कांग्रेस के भीतर कई लोग मानते हैं कि अरोड़ा की वापसी से पार्टी को होशियारपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में राजनीतिक लाभ मिलेगा। हालांकि, कांग्रेस के भीतर भी कुछ असंतोष के सुर सुनाई दे रहे हैं। पार्टी के कुछ नेता, जो होशियारपुर विधानसभा सीट पर अपनी दावेदारी ठोकने की सोच रहे थे, अब अरोड़ा की वापसी से नाखुश हैं। इन नेताओं का मानना है कि अरोड़ा की उपस्थिति से उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर असर पड़ सकता है।