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होशियारपुर (न्यूज़ हंट)- गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित को पत्र लिखकर विद्यार्थियों को पैसे वापिस या आगे की कक्षाओं में एडजस्ट करने की खन्ना ने उठाई मांग, भाजपा हिमाचल प्रदेश प्रभारी और पंजाब के पूर्व राज्यसभा सांसद अविनाश राय खन्ना ने कहा कि बीते एकेडमिक सेशन 2020-21 के दौरान पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड द्वारा आठवीं व दसवीं क्लास के विद्यार्थियों से एग्जामिनेशन फीस के नाम पर लगभग 100 करोड़ रुपए लिए गए परंतु कोरोना महामारी के चलते यह पेपर हुए ही नहीं। इस संबंधी समाचार पत्रों में समाचार भी प्रकाशित हुआ है। इससे पंजाब सरकार के शिक्षा विभाग के जरिए लगभग 100 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ परंतु अब पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड द्वारा आठवीं व दसवीं के नतीजे के कार्ड के लिए विद्यार्थियों से और ₹800 की मांग की जा रही है जोकि सरासर विद्यार्थियों के साथ पंजाब सरकार द्वारा लूट की जा रही है।
इस संबंधी भाजपा हिमाचल प्रदेश प्रभारी व पंजाब के पूर्व राज्यसभा सांसद अविनाश राय खन्ना ने प्रतिक्रिया प्रतिक्रिया दिखाते हुए कहां की बीते वर्ष कांग्रेस सरकार द्वारा विद्यार्थियों से एग्जामिनेशन फीस के नाम पर लगभग 100 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया गया और अब आम आदमी पार्टी की सरकार यकीन पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड द्वारा विद्यार्थियों से अतिरिक्त पैसे मांगना शर्म की बात है। खन्ना ने कहा की बीते वर्ष कांग्रेसमें विद्यार्थियों से एग्जामिनेशन फीस के नाम पर पैसे ठगे और अब मौजूदा आम आदमी पार्टी की सरकार जोकि पंजाब की जनता को मुफ्त सुविधाएं देने की बात कहती है और विद्यार्थियों से ठगे हुए पैसों को वापस करने की बजाए चुप्पी साधे बैठी है।
खन्ना ने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर रहे अधिकतर बच्चे गरीब तथा मध्यम वर्ग के परिवारों से संबंधित होते हैं जिनके साथ पंजाब पर काबिज रही कांग्रेस तथा मौजूदा आम आदमी पार्टी की सरकार सरासर धक्का कर रही है। खन्ना ने कहा की मौजूदा आम आदमी पार्टी की सरकार पंजाब में मुफ्त विद्या, मुफ्त बिजली तथा मुफ्त सेहत सुविधाओं देने की बात कर रही है परंतु विद्यार्थियों से एग्जामिनेशन फीस के नाम पर एकत्रित किए गए लगभग 100 करोड रुपए दबाने की फिराक में है। खन्ना ने इस मामले का कड़ा नोटिस लेते हुए पंजाब के गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित को एक पत्र लिखकर मांग की है कि पंजाब सरकार द्वारा आठवीं व दसवीं के छात्रों से एग्जामिनेशन फीस के नाम पर लिए गए लगभग 100 करोड रुपए विद्यार्थियों को वापस करवाए जाएं अन्यथा यह पैसे उनकी अग्रणी कक्षाओं की फीस के तौर पर एडजस्ट किए जाएं ताकि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले इन छात्रों के परिजनों की मेहनत की कमाई उनकी आगे की पढ़ाई पर खर्च हो सके।