पठानकोट 15 सितंबर ( न्यूज़ हंट )- भारत-पाक सीमा के सटे और पठानकोट शहर से महज 25 किमी. दूर स्थित कथलौर सेंक्चुरी पर वन्य जीव विभाग ने 1 करोड़ 2 लाख रुपए खर्च कर इसे सैलानियों के लिए विकसित किया है और आज श्री संयम अग्रवाल डिप्टी कमिशनर पठानकोट व श्री जोगिन्द्र पाल विधायक विधान सभा क्षेत्र भोआ ने उदघाटन करके लोगों को समर्पित कर दिया। वर्णनीय है कि 1837 एकड़ में फैली इस सेंक्चुरी में पर्यटकों के लिए 1.2 करोड से 5 किमी. लंबी नेचर ट्रेल, ऑक्सीजन वॉक, आइलैंड, वॉच टॉवर, रेन शेल्टर, नेचर ट्रेल, तालाब, स्मृति वन, बांस की हट और कैफेटेरिया बनवाए गए हैं। इसके अतिरिक्त सेंक्चुरी का भ्रमण करने के लिए पर्यटकों को 10 सीटर गोल्फ कार्ट (साउंडलेस) और 10 साइकिल की सुविधा भी दी जाएगी। वहीं, बच्चों के खेलने के लिए एक्टिविटी प्वाइंट्स होंगे जिसमें कमांडो नेट और बर्मा ब्रिज बनेंगे। इसके अतिरिक्त समारोह में सर्वश्री सुरिन्द्र लांबा एस.एस.पी. पठानकोट, संदीप सिंह ए.डी.सी.(जी), लक्षमण सिंह तहसीलदार पठानकोट, आदित्य ए.एस.पी. ग्रामीण पठानकोट, गुरूसिमरन सिंह ढिल्लों एस.डी.एम. पठानकोट, राजेश महाजन, डीएफओ वन्य जीव विभाग पठानकोट, दीपक कपूर रेंज अधिकारी,बशीश सिंह ब्लाक रेंज अधिकारी,गुरुविन्द्र सिंह वणगार्ड, अमन कुमार व अन्य विभागीय अधिकारी व पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित थे।
जानकारी देते हुए श्री संयम अग्रवाल डिप्टी कमिशनर पठानकोट व श्री जोगिन्द्र पाल विधायक विधान सभा क्षेत्र भोआ ने संयुक्त रूप से बताया कि वन्य जीव विभाग द्वारा तैयार योजना के मुताबिक सेंक्चुरी में एक बड़ा जलाशय (पौंड) बनाया गया है। उसमें एक 800 बाई 100 फीट का आईलैंड बनाकर पास में ही कैफेटेरिया बनाया गया है। आईलैंड में बांस की हट्स बनाई गई हैं। जहां बैठकर लोग खाने का लुत्फ उठा पाएंगे। जलाशय में मछलियों के अतिरिक्त डक्स और स्वान होंगे। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त और भी लोगों के देखने के लिए बहुत कुछ है और लोग यहां पर पहुंच कर आनंद प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने सैलानियों को अपील करते हुए कहा कि वह इस धरोहर को बचाने में वन्य जीव विभाग का सहयोग करें। सेंक्चुरी में प्लास्टिक की चीज, खाने-पीने की वस्तुएं न लेकर जाएं। किसी भी जानवर को खाना खिलाने या उसे तंग परेशान करने की कोशिश न करें। यात्रा के दौरान अनुशासन का पालन करें।
वन्य जीव विभाग के डिवीजनल फॉरेस्ट अफसर राजेश महाजन ने बताया कि नेचर ट्रेल में लोग ट्रैफिकंग कर पाएंगे। वहां साइनेज बोर्ड पर हर पक्षी या जानवर की बहुतायात संबंधी जानकारी दी गई है। वहीं, नेचर ट्रेल में सैलानी अपनी एक महीने की ऑक्सीजन की कमी पूरी कर पाएंगे। इसके अतिरिक्त ट्रैकिंग के दौरान बारिश से बचने के लिए रेन शैल्टर भी बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में कथलौर सेंक्चुरी में हजारों की संया में राष्ट्रीय पक्षी मोर हैं। वहीं, बड़ी संया में जंगली जीव मौजूद हैं। जिनमें सैलानी जंगली बिल्ला, रसल वाइपर स्नेक, पायथन, बार्किंग डीयर, हॉग डीयर, सांभर, जैकाल, पार्कयूपाईन, पैंगोलियन, मॉनिटर लिजर्ड, जंगली खरगोश, ग्रेट कोकुल, स्पॉटर्ड आउलेट, जंगली सुअर, जंगली मुर्गे के दीदार कर पाएंगे।
वर्णनीय है कि कथलौर सेंक्चुरी में 30-30 मीटर ऊंचे वॉच टावर बनाए गए हैं। इनसे सैलानी पूरे जंगल और रावी दरिया का मनमोहक दृश्य देख पाएंगे। इसके अतिरिक्त कथलौर सेंक्चुरी को 3 जोन में बांटा है। इनमें सबसे पहले ईको सेंसटिव जोन और फिर बफर जोन होंगे। यहां पर्यटकों को जाने की इजाजत मिलेगी। सेंक्चुरी के बीचों-बीच कोर जोन बनाया गया है। जहां पर्यटकों के जाने पर प्रतिबंध होगा। ईको सेंसटिव और बफर जोन में पर्यटकों को नियंत्रित तरीके से भ्रमण करने की आजादी होगी।