जालंधर, 11 सितम्बर ( न्यूज़ हंट )- आकसीजन उत्पादन के मामलो में जालंधर को आत्म निर्भर ज़िला बनाने की ज़िला प्रशासन की अपील को मानते हुए एक और O2 प्लांट गुलाब देवी चैरिटेबल अस्पताल में स्थापित किया गया है ,जिससे संभावित तीसरी लहर की स्थिति में कोविड -19 के मरीज़ों की उचित देखभाल को यकीनी बनाया जा सके।
इस सम्बन्धित और ज्यादा जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर श्री घनश्याम थोरी ने बताया कि जिले में सभी स्वास्थ्य संभाल संस्थानों में अधिक से अधिक आक्सीजन उत्पादन प्लांट स्थापित कर ज़िले को आक्सीजन के मामलें में आत्म निर्भर बनाने के लिए एक विशाल अभियान चलाया गया, जिसके निष्कर्ष के तौर पर सरकारी अस्पतालों सहित बड़ी संख्या में अस्पतालों की तरफ से अपने ओ 2 प्लांट स्थापित किये गए है,जिससे उनको इस जीवन रक्षक गैस की कमी दौरान किसी प्रकार के संकट का सामना न करना पड़े।
डिप्टी कमिश्नर ने गुलाब देवी अस्पताल के प्रबंधन की तरफ से प्रशासन की अपील को मानते हुए कोविड -19 देखभाल सुविधा के लिए अपना प्लांट स्थापित करने की प्रशंसा करते हुए अन्य स्वास्थ्य संभाल संस्थानों को भी अपने अस्पतालों में ऐसे प्लांट स्थापित करने की अपील की। उन्होनें कहा कि इससे पीक पीरियड दौरान न केवल आक्सीजन की माँग कम होगी, बल्कि आक्सीजन उत्पादन के मामले में जालंधर आत्म निर्भर ज़िला भी बनेगा।
थोरी ने कहा कि इस प्रकार का प्लांट लगाना एक बार का निवेश है, जिस का उदेश्य ऐसे संस्थानों को आक्सीजन उत्पादन में आत्म निर्भर बनाना है, जो कि तीसरी लहर का मुकाबला करने के लिए समय की ज़रूरत है। उन्होंने आगे कहा कि कोविड मरीज़ों की उचित देखभाल को यकीनी बनाने के लिए प्रशासन की तरफ से एक बहुपक्षीय रणनीति अपनाई गई, जिसमें सिविल अस्पताल में आक्सीजन प्लांट लगाना, कोविड केयर सुविधाओं में आक्सीजन कंसंट्रेटरों की व्यवस्था करना, सरकारी अस्पताल में पोस्ट कोविड रिकवरी वार्ड स्थापित करना और घर में आक्सीजन सहायता की ज़रूरत वाले मरीज़ों के लिए आक्सीजन कंसंट्रेटर बैंक स्थापित करना शामिल है।
ज़िक्रयोग्य है कि एन.एच.एस., न्यू रूबी, श्रीमन सुपर स्पैशलिटी, टैगोर, पटेल, पिम्स और कैपीटल अस्पतालों सहित कई अस्पतालों की तरफ से पहले ही अपने आक्सीजन प्लांट स्थापित किये जा चुके है। नकोदर, बस्ती गुज़ां और सिविल अस्पताल, जालंधर के सरकारी अस्पतालों में तीन नए प्लांटों का काम जारी है। उन्होंने कहा कि यदि किसी तरह की कोई असुखद स्थिति पैदा होती है तो यह प्रयत्न उसके साथ पूर करने के लिए अपेक्षित आक्सीजन की उपलब्धता को यकीनी बनाने में सहायक साबित होंगे।