14.7 C
Jalandhar
Thursday, December 5, 2024

भूजल स्तर को और कम होने से रोकने के लिए पारंपरिक कद्दू तकनीक के बजाय धान की सीधी बुवाई : कृषि वैज्ञानिक धान की सीधी बुवाई को प्रोत्साहित करने के लिए ग्राम जगतपुर में फार्म दिवस मनाया गया।

पठानकोट  26 जुलाई ( न्यूज़ हंट )- डॉडॉसुखदेव सिंह सिद्धू निदेशक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पंजाब मुख्य कृषि अधिकारी हरतरनपाल सिंह के नेतृत्व में मिशन “सफल किसान समृद्ध पंजाब” के तहत धान की सीधी बुवाई को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत 31 जुलाई तक सीधी बुवाई वाले धान के खेतों के पास फील्ड डे मनाया जा रहा है। इस श्रृंखला के तहत , कृषि एवं किसान कल्याण विभागब्लॉक पठानकोट ने ग्राम जगतपुर के प्रगतिशील किसान श्री कुलदीप सिंह के खेतों में फार्म दिवस मनायाअमरीक सिंह प्रखंड कृषि पदाधिकारीश्री गुरदित सिंह कृषि विस्तार अधिकारीमिस मंजीत कौरश्री निरपजीत कृषि उप निरीक्षकश्री बलविंदर कुमारश्री मंदीप कुमार हंस सहायक प्रौद्योगिकी प्रबंधकसरपंच ग्राम पंचायत जगतपुर श्री रवि कुमारश्री खुशाली बड़ी संख्या में किसान सूबेदार सत्यपालजसबीर सिंहसुखदेव सिंहदलबीर सिंहसागर कुमार सहित उपस्थित थे। किसानों को संबोधित करते हुए डॉअमरीक सिंह ने कहा कि पंजाब की कृषि को अधिक टिकाऊ बनाने और खेती की लागत को कम करने के लिए पानीमिट्टी और हवा जैसे प्राकृतिक संसाधनों को दूषित होने से बचाने के लिए फसल की खेती की तकनीकों को अपनाना जरूरी है।उन्होंने कहा कि धान की फसल में लगातार खड़ा पानी मीथेन गैस का अधिक उत्सर्जन होता है।उन्होंने कहा कि उपरोक्त समस्याओं को ध्यान में रखते हुए यह महत्वपूर्ण है कि धान की सीधी बुवाई विभाग द्वारा धान की पम्पिंग के पारंपरिक तरीके के बजाय की जाए। उन्होंने कहा कि विशेष उपाय किए जा रहे हैं। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा पंजाब में धान की सीधी बुवाई को प्रोत्साहित करने के लिए उन्होंने कहा कि कुछ खेतों में जहां धान की सीधी बुवाई हो रही हैउन्होंने कहा कि यह मामला पंजाब के विशेषज्ञों के संज्ञान में लाया गया है। कृषि विश्वविद्यालय उच्च अधिकारियों के माध्यम से उन्होंने कहा कि यह शोध का विषय है जिसका समाधान भविष्य में किया जायेगाजंगली धान की समस्या होने पर वहां धान की सीधी बुवाई नहीं करनी चाहिएश्री गुरदित सिंह ने कहा कि धान की सीधी बुवाई के लिए हल्की और ऊँची भूमि का चुनाव  करेंभारी और उपजाऊ भूमि में ही सीधी बुवाई करनी चाहिए क्योंकि हल्की भूमि में सीधी बुवाई से धान की फसल में लोहे की गंभीर कमी हो जाती है और पैदावार में तेजी से गिरावट आती है। उन्होंने कहा कि सीधी बुवाई की सफलता के लिए खेत को लेजर जुताई से समतल करना आवश्यक है ताकि पानी का समान वितरण हो सके और पानी की बचत के साथ ही बीज का अंकुरण भी अच्छा होकिसान कुलदीप सिंह ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि एक एकड़ क्षेत्र में धान की सीधी बुवाई की गई है और अब तक इस पद्धति का प्रदर्शन बेहतर है। सरपंच रवि कुमार ने ग्राम जगतपुर में प्रदर्शनी आयोजित करने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग को धन्यवाद दिया और कहा कि इस पद्धति से प्राकृतिक संसाधनों विशेषकर पानी के संरक्षण में मदद मिलेगी।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
22,100SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles