जालंधर, 29 जुलाई ( न्यूज़ हंट )- चमड़ा उद्योग से निकलने वाले गंदे पानी के शोध को यकीनी बनाने के लिए स्थानीय लैदर कंपलैक्स में कामन इफलूऐंट ट्रीटमेंट प्लांट (सी.ई.टी.पी.) का जल्दी ही नवीनीकरण किया जा रहा है, जिस सम्बन्धित ज़िला प्रशासन की तरफ से चेन्नई आधारित एजेंसी एम /एस इकौ प्रोटैक्शन इंजीनियर्ज प्राईवेट लिमटिड को पत्र (पत्र आफ इनटैंट) जारी किया गया है। इस प्राजैक्ट पर कुल 27.26 करोड़ रुपए लागत आएगी, जो कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार और सी.ई.टी.पी. के लाभपातरियों की तरफ से क्रमवार 70%, 15% और 15% के अनुपात में सहन की जाएगी।
इस सम्बन्धित जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने कहा कि लैदर कंपलैक्स, जालंधर के चमड़ा उद्योग की तरफ से लम्बे समय से यह माँग की जा रही थी और पंजाब सरकार की तरफ से चमड़ा उद्योग की भलाई के लिए यह निर्णय किया गया है। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि यह कदम जहाँ एक तरफ़ सी.ई.टी.पी. को मज़बूती प्रदान करेगा वहीं दूसरी तरफ़ उद्योगों के कारण होने वाले वातावरण प्रदूषण को काफ़ी कम करने में मददगार साबित होगा।
श्री थोरी ने कहा कि इसके साथ उद्योगों को बड़ी राहत दिलाने में मदद मिलेगी। उन्होनें कहा कि सी.ई.टी.पी. की स्थापना लैदर कंपलैक्स में 2009 में से गई थी और इसको नए मापदण्डों अनुसार अपग्रेड किए जाने की ज़रूरत है, जिसके साथ प्रदूषण को रोकने में मदद मिलेगी।
उन्होनें आगे कहा कि काम तेज रफ़्तार के साथ पूरा किया जाएगा और निर्धारित समय -सीमा में पूरा किया जाएगा। उन्होनें कहा कि सी.ई.टी.पी. के नवीनीकरण प्राजैक्ट के पूरा होने के बाद एक साल तक सी.ई.टी.पी. के सुचारू संचालन के लिए कंपनी ज़िम्मेदार होगी।
पी.ई.टी.ऐस. /सी.ई.टी.पी. के प्रशासनिक अधिकारी के.सी. डोगरा ने कहा कि दिशा -निर्देशों अनुसार भारत सरकार की तरफ से चार किश्तों में राशि जारी की जानी है और इसी तरह कुल प्राजैक्ट लागत में से राज्य सरकार और लाभपातरियों /उद्योगों हर किसी का 15 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार / उद्योगों की तरफ से चार किश्तों में दिया जाना है।
डी.पी.आई.आई.टी., नयी दिल्ली की तरफ से उद्योगों का हिस्सा एकत्रित होते ही पहली किश्त जारी कर दी जाएगी और बैंक अकाउँट स्टेटमैंट डी.पी.आई.आई.टी., नई दिल्ली को जमा की जाती है। सभी 59 लाभपातरियों को चार किस्तों में से अपने हिस्से की पहली किस्त जमा करवाने के लिए कहा गया है।