अमृतसर, 25 जून ( न्यूज़ हंट ) :
पंजाब सरकार द्वारा 2017 में चलाए गए नशा विरोधी अभियान के दौरान अब तक जिले के 10 सरकारी ओट सेंटरों में 18353 नशा करने वालों का पंजीकरण किया जा चुका है और उनका इलाज चल रहा है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ. श्री चरणजीत सिंह ने कहा कि कोरोना काल और लाॅकडाउन के समय में नशीले पदार्थों की अनुपलब्धता के कारण इन ओट सेंटरों में नशा छोड़ने के लिए अधिक लोग आए हैं और इस दौरान नशा करने वालों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि 31 मई 2021 तक 18353 व्यक्तियों का शासकीय केन्द्रों में पंजीयन एवं उपचार चल रहा है तथा मई माह के दौरान विभिन्न जई केन्द्रों में 134 व्यक्तियों का पंजीयन किया गया है, जिनका उपचार प्रारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक पंजीकृत मरीजों में से यह अनुमान है कि 10 प्रतिशत से अधिक मरीज दवा छोड़ कर पूरी तरह ठीक हो चुके हैं और अब 4216 से ज्यादा मरीजों की खुराक में भारी कमी आई है. उन्होंने कहा कि नशा छोड़ने के लिए रोगी में दृढ़ इच्छा शक्ति होना और नशा करने वालों का साथ छोड़ना बहुत जरूरी है।
सिविल सर्जन ने कहा कि ओट सेंटरों में मरीजों को दवा देने के अलावा उन्हें नशा छोड़ने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है. उन्होंने कहा कि नशे की लत से पीड़ित व्यक्ति अपने परिवार की मदद से ही इस लक्षण से छुटकारा पा सकता है. उप चिकित्सा आयुक्त डॉ. गुरमीत कौर ने कहा कि इन क्लीनिकों में सरकार एक से दो साल के कोर्स के साथ मुफ्त मौखिक दवा मुहैया कराती है. उन्होंने कहा कि यह दवा मरीजों को विशेष रूप से प्रशिक्षित स्टाफ की देखरेख में दी जाती है.
उन्होंने कहा कि जिले के 10 शासकीय ओट सेंटरों में अमृतसर 3645, मननवाला 1889, वेरका 716, तरसिका 1496, चाविंडा देवी 1134, अजनाला 1770, मजीठा 1186, लोपेके 1174, सेंट्रल जेल 3086 और बाबा बकाला 2257 नशा करने वालों ने पंजीकरण कराया है. जहां नशा करने वालों को मुफ्त दवा दी जाती है। उन्होंने लोगों से नशा करने वालों को प्रेरित कर इन केंद्रों पर लाने की अपील की ताकि उन्हें नशा देकर समाज का हिस्सा बनाया जा सके |