न्यूज हंट. हेल्थ डेस्क : शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने से लेकर मांसपेशियों और हड्डियों के विकास के लिए भी विटामिन की पर्याप्त खुराक जरूरी है, लेकिन कई बार विटामिन की अधिकता भी परेशानी में डाल सकती है। दरअसल Vitamin D शरीर की प्रतिरोधक क्षमता और हड्डियों की मजबूत के लिए बेहद आवश्यक होता है। अमेरिका में एक शोध में 40 फीसदी से ज्यादा लोगों में विटामिन डी की कमी पाई जाती है।
डॉक्टरों के मुताबिक अगर एक महिला में Vitamin D की कमी हो गई तो उसके पीरियड्स नियमित नहीं आते हैं और उसे थकान रहेगी, शरीर में दर्द रहेगा। अगर वो प्रेग्नेंट है तो उसके साथ बच्चे की सेहत पर भी इसका असर होगा। बच्चे की का विकास नहीं होगा और उसका नॉर्मल फंक्शन भी इफेक्ट होगा। साथ ही सोचने समझने की शक्ति भी कमजोर होने लगेगी।
किडनी फेल होने का बढ़ता है खतरा
शरीर में विटामिन डी अधिक होने के कारण कैल्शियम की अधिकता भी हो जाती है। यह दिमाग के काम करने के तरीके को प्रभावित करता है। डिप्रेशन, कंफ्यूजन और साइकोसिस जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। विटामिन डी की अधिकता किडनी फेल होने का कारण भी बन सकती है। क्योंकि इसका स्तर ज्यादा होने के कारण मरीज बार-बार पेशाब जाता है और इस वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। किडनी में मौजूद ब्लड वेसल्स संकुचित हो जाते हैं।
पेट में दर्द और थकान की समस्या
विटामिन डी पाचन में सहायक होता है। डॉक्टरों की मानें तो शरीर में विटामिन डी का स्तर 30 से 60 तक होना चाहिए। विटामिन डी हमारे खाने से कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है। कैल्शियम की ज्यादा मात्रा होने पर हमारा पाचन तंत्र प्रभावित होता है। पेट में मरोड़, कॉन्स्टिपेशन और थकान महसूस होने लगती है। ज्यादा पेशाब की भी समस्या हो सकती है। विटामिन डी की अधिकता से किडनी में स्टोन हो सकता है।
(Disclaimer : लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।)