होशियारपुर, 06 अक्टूबर (न्यूज़ हंट)- पराली जलाने को रोकने के लिए व किसानों को पराली प्रबंधन के नए तरीकों से परिचित करवाने के लिए जिला होशियारपुर में 81 कलस्टर अधिकारी तैनात किए गए हैं। इस संबंधी जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर श्री संदीप हंस ने बताया कि इन सभी कलस्टर अधिकारियों के अंतर्गत 15 से 20 नोडल अधिकारी भी लगाए गए हैं, जो कि किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित करने, उनको मशीनों की उपलब्धता में सहायता करने व पराली जलाने से होने वाले नुकसान से परिचित करवाने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी रिमोट सैंसिंग के माध्यम से पराली जलने की घटना का पता चलेगा, वहीं यह नोडल अधिकारी मौके पर जाकर रिपोर्ट करेगा।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि जिले में 76500 हैक्टेयर क्षेत्र में धान की बिजाई की गई है, जिस पर 5 लाख टन पराली पैदा होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि पराली के सुचारु प्रबंधन के लिए जिले में इन सीटू एक्स सीटू को लोकप्रिय बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन की मशीनों की उपलब्धता के लिए गांव स्तर पर मैपिंग प्रक्रिया अपनाई जा रही है व ‘आई खेत’ एप्लीकेशन पर किसान समूहों, सहकारी सभाओं व कस्टमर हायरिंग सैंटरों में मशीनरी की उपलब्धता के बारे में जानकारी आनला इन की गई है, जिनको किसान इस एप के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मशीनरी का प्रयोग नियमित समीक्षा को भी यकीनी बनाया जा रहा है ताकि कोई उपकरण या मशीन बिना प्रयोग के न रहे। उन्होंने कहा कि पराली के एक्स सीटू प्रबंधन के माध्यम से किसान पराली की गांठे बनाकर अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। इस संबंधी जिले में बेलर मशीने भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं, जिनकी मदद से अधिक क्षेत्र में पराली के सुचारु प्रबंधन को यकीनी बनाया जा सकेगा।
श्री संदीप हंस ने बताया कि पराली को आग लगाने की घटनाओं को रोकने के लिए गांवों में बड़े स्तर पर जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है और इसके अंतर्गत कैंप लगाने के अलावा वैनों के माध्यम से पराली न जलाकर इसके सुचारु प्रबंधन का संदेश घर-घर पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा पराली को आग लगाने के बुरे प्रभावों के बारे में जागरुक करते 350 वाल पेटिंग भी बनाई गई हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से आग लगाने की घटनाओं पर सख्त नजर रखी जा रही है व जो गांवों में पिछले वर्ष पराली जलाने के मामले सामने आए थे, वहां अधिक चौकसी अपनाई जा रही है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को पराली जलाने की घटनाओं पर सख्त निगरानी को यकीनी बनाने की हिदायतें दी व उल्लंघना करने पर ए.टी.आर एप के माध्यम से बनती कार्रवाई अमल में लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पराली को जलाने के कारण वातावरण के हो रहे नुकसान के मद्देनजर माननीय सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल व एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमिशन की ओर से बेहद सख्त रुख अपनाया गया है। इस लिए इस संबंधी कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को जागरुकता अभियान में और तेजी लाते हुए अधिक से अधिक किसानों को इस संबंधी जागरुक करने की हिदायत की। उन्होंने अधिकारियो ं को कहा कि इस कार्य को वे अपनी केवल दफ्तरी ड्यूटी न समझे, बल्कि अपनी नैतिक जिम्मेदारी भी समझे।
इस मौके पर एस.डी.एम. प्रीतइंदर सिंह व कंवलजीत सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी गुरदेव सिंह, पंजाब प्रदूषण बोर्ड के एस.डी.ओ. जतिंदर के अलावा समूह कलस्टर अधिकारी उपस्थित थे।