न्यूज हंट. नई दिल्ली : पंजाब में कारोबार के लिए सुविधाएं देकर और निवेश समर्थकीय माहौल सृजन कर राज्य को बड़े औद्योगिक और निर्यात हब में बदलने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार निवेशकों की सुविधा के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को और मज़बूत कर रही है।
यहाँ कन्फैडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सी.आई.आई.) की उत्तरी क्षेत्र काउंसिल की पाँचवी मीटिंग के दौरान डैलीगेट्स के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले सिंगल विंडो सेवा केवल एक दिखावा था, जो किसी सार्थक उद्देश्य से वंचित था, जिसने न केवल संभावित निवेशकों को निराश किया, बल्कि राज्य के औद्योगिक विकास में भी रुकावट खड़ी की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार यह सुनिश्चित बनाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है कि निवेशकों को इस विंडो पर सभी सुविधाएं सुचारू ढंग से और किसी भी तरह के भ्रष्टाचार के बिना मिल सकें। भगवंत मान ने उद्योगपतियों को राज्य में निवेश करने और औद्योगिक विकास एवं ख़ुशहाली का हिस्सा बनने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने सी.आई.आई. द्वारा उद्योगों की मदद करने और व्यापार के लिए अनुकूल माहौल सृजन करने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य में निवेश के माहौल को प्रोत्साहित करने, सभी के लिए रोजग़ार के उचित अवसर पैदा करने, मानक बुनियादी ढांचे तक पहुँच प्रदान करने, प्रशासन में और ज्यादा पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित बनाने के लिए बहुत से प्रयास कर रही है। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सामान की ढुलाई में सुविधा के पक्ष से देश भर में तीसरे स्थान पर है, क्योंकि राज्य के पास पाँच इनलैंड कंटेनर डीपूओं (आई.सी.डी.) के साथ ढुलाई का मज़बूत आधार है।
उद्योगपतियों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सभी उद्योगों के लिए बिजली की सबसे कम दरों की पेशकश करता है और भारत सरकार की बिजऩेस रिफॉर्मज़ एक्शन प्लान (बी.आर.ए.पी.) की रिपोर्ट में कारोबार करने की सुविधा के पक्ष से तेज़ी से सुधार करने वाले राज्य के रूप में पंजाब का नाम आया है। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब ने प्रक्रियाओं को सरल और डिजीटाईजेशन, छोटे अपराधों को अपराध मुक्त करने और अनावश्यक कानूनों को ख़त्म करने का काम किया है। भगवंत मान ने कहा कि राज्य में इस समय 1000 से अधिक कौशल विकास केंद्र हैं और पंजाब स्किल डिवैल्पमैंट मिशन (पीएसडीएम) के पास 250 से अधिक सूचीबद्ध प्रशिक्षण हिस्सेदार हैं, जिससे शिक्षित मानव संसाधन का एक बड़ा पूल बनाने के लिए प्रशिक्षण सुविधाओं का सबकी पहुँच वाला नेटवर्क कायम किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टार्ट अप पंजाब, स्टार्ट-अप्स के लिए निवेशक समर्थकीय माहौल सृजन कर उद्यमिता को प्रोत्साहित करता है और राज्य में उद्यमिता एवं नवीनता को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित इनोवेशन मिशन पंजाब की स्थापना की गई है। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब सरकार जल्द ही अगले कुछ महीनों में अपनी नई औद्योगिक विकास नीति लाएगी, जो अगले पाँच सालों के लिए पंजाब की औद्योगिक नीति की रूप-रेखा तैयार करेगी। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार को सभी हिस्सेदारों से कीमती सुझाव प्राप्त हुए हैं और उनको नई औद्योगिक नीति 2022 में शामिल करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल (ई.वी.) की विशाल संभावना को लम्बे समय का सतत समाधान मानते हुए पंजाब राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों और इनके पुर्जों के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए जल्द ही ईवी नीति शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब निवेशकों के तजुर्बे को बेहतर बनाने, व्यापार के लिए अनुकूल माहौल बनाने और पालना को अधिक सरल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। भगवंत मान ने सभी उद्योग प्रतिनिधियों को अगले साल 23 और 24 फरवरी को होने वाले प्रगतिशील पंजाब निवेशक सम्मेलन में शामिल होने का न्योता भी दिया।
विभिन्न क्षेत्रों में राज्य की उपलब्धियों को बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब को भारत का अन्न-भंडार माना जाता है और देश में चावल एवं गेहूँ के कुल उत्पादन में पंजाब तीसरे नंबर पर है। उन्होंने कहा कि यह बड़े गर्व और संतुष्टी की बात है कि पंजाब भारत के 10 कपास उत्पादक राज्यों में शामिल है, जो भारत के कुल उत्पादन का 3.68 प्रतिशत बनता है। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब बलैंडिड यार्न के उत्पादन में पहले नंबर पर है और देश में चौथे नंबर पर स्पिनिंग क्षमता रखता है, उन्होंने कहा कि पंजाब हौजऱी के उत्पादन में भी पहले स्थान और खेल के सामान के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है।
पंजाब का उद्योग विश्व स्तर पर मुकाबले के योग्य होने पर ज़ोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में साइकिलों के निर्यात में राज्य पहले नंबर पर है, क्योंकि भारत में 75 प्रतिशत से अधिक साइकिलें और 92 प्रतिशत साइकिल के पुर्जे पंजाब में ही बनते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य भारत में हैंड टूल्ज़ और मशीन टूल्ज़ के उत्पादन में पहले नंबर पर है और भारत से हैंड टूल्ज़ और मशीन टूल्ज़ के निर्यात में पंजाब का 26 प्रतिशत हिस्सा है। भगवंत मान ने आगे कहा कि पंजाब में आई.टी. और इलैक्ट्रोनिक्स उद्योग ने 770 करोड़ रुपए के निवेश को आकर्षित किया है, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 67 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि एम.एस.एम.इज हमेशा ही पंजाब की आर्थिकता की रीढ़ की हड्डी रहे हैं और आज राज्य में 3.7 लाख से अधिक एम.एस.एम.इज हैं।
इससे पहले पंजाब ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमैंट प्रमोशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमल किशोर यादव ने पंजाब में निवेश के अवसरों संबंधी प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए. वेणु प्रसाद, पंजाब भवन के प्रमुख रैज़ीडैंट कमिश्नर राहुल भंडारी, प्रमुख सचिव उद्योग एवं वाणिज्य दिलीप कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव रवि भगत और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।