20:20:13 का उपयोग कर रहा गांव मल्लियां का प्रगतिशील किसान गुरप्रीत सिंह फास्फोरस युक्त किसी भी उर्वरक का उपयोग डी.ए.पी के विकल्प के तौर पर किया जा सकता है: कृषि अधिकारी
जालंधर, 10 नवंबर: जिले के मल्लियां गांव के प्रगतिशील किसान गुरप्रीत सिंह का कहना है कि इस बार वह नाइट्रो फॉस्फेट 20:20:13 का उपयोग कर आलू की बिजाई कर रहे है।
किसान ने बताया कि पहले आलू की बिजाई के लिए डी.ए.पी.का उपयोग करते थे लेकिन कृषि विभाग के अधिकारियों से पास डी.ए.पी. के विकल्प के तौर पर उपयोग किये जाने वाले उर्वरकों की जानकारी प्राप्त कर इस बार उन्होंने समय पर 20:20:13 खाद का प्रयोग कर आलू की बिजाई की है। दूसरों के लिए प्रेरणास्त्रोत किसानों का कहना है कि यह खाद डी.ए.पी के समान प्रभावी है और यह मिट्टी में आवश्यक पोषक तत्वों को भी बरकरार रखते है।
उन्होंने अन्य किसानों को भी डी.ए.पी पर अपनी निर्भरता कम करने और इसके विकल्प अपनाने की सलाह दी।
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए कृषि अधिकारी डा. सुरजीत सिंह ने कहा कि जिले के किसान डी.ए.पी. उर्वरक पर निर्भर हुए बिना विकल्प के तौर पर ट्रिपल सुपर फॉस्फेट (0:46:0), एन.पी.के 12:32:16, सिंगल सुपर फॉस्फेट एनपीके 16:16:16 और नाइट्रो फॉस्फेट 20:20:13 का उपयोग उर्वरक का प्रयोग कर सकते है, जो फसलों के लिए बहुत उपयोगी है। उन्होंने कहा कि फास्फोरस तत्व युक्त कोई भी खाद डीएपी के विकल्प तौर पर उपयोग की जा सकती है उन्होंने कहा कि इन वैकल्पिक उर्वरकों के प्रयोग से मिट्टी को अधिक पोषक तत्व भी मिलते हैं, जो फसलों के लिए बहुत फायदेमंद होते है।