पंजाब 24 जुलाई (न्यूज़ हंट )- जंतर मंतर पर किसान संसद के दूसरे दिन ‘एपीएमसी बाईपास अधिनियम’ पर बहस के बाद “नामित कृषि मंत्री का इस्तीफा” देखा गया। प्रदर्शनकारियों ने केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी की भी किसानों के लिए “पूरी तरह से अवैध और जातिवादी गाली” के लिए निंदा की।
किसान संसद का आयोजन करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने उनके उस बयान को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपनी टिप्पणी वापस ले ली थी, इसे “सिर्फ अस्वीकार्य और अक्षम्य” बताया।
किसान संसद में आज ‘सदन’ के तीन सत्रों के लिए छह ‘अध्यक्ष’ और ‘उप अध्यक्ष’ थे। एसकेएम से जुड़े 200 से अधिक किसानों ने ‘कार्यवाही’ में भाग लिया जिसमें ‘प्रश्नकाल और एक बहस’ शामिल थी। बयान में कहा गया, “कृषि मंत्री की भूमिका निभाते हुए रवनीत सिंह बराड़ ने सदस्यों के सवालों का जवाब देने में विफल रहने के बाद इस्तीफा दे दिया।” संसद ने “सुप्रीम कोर्ट द्वारा कार्यान्वयन को निलंबित करने से पहले जून 2020 से जनवरी 2021 तक एपीएमसी बाईपास अधिनियम के संचालन के प्रतिकूल अनुभव” पर एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया।
