सरकार ने Indian Telecommunication Bill, 2022 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। वैसे तो इस ड्राफ्ट में बहुत कुछ नया है, लेकिन कुछ चीजों को लेकर खासा चर्चा हो रही है। ऐसा ही एक टॉपिक WhatsApp और दूसरे इंटरनेट कॉलिंग ऐप्स का लाइसेंस है। इन ऐप्स को भी अब टेलीकॉम कंपनियों की तरह लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी। ये बिल अभी ड्राफ्ट किया गया है और दूरसंचार विभाग ने इस पर लोगों से सुझाव मांगे हैं। इस ड्राफ्ट से जुड़ी जानकारी खुद टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने दी है। उन्होंने बताया कि पीएम ने निर्देश दिया था कि बिल का ड्राफ्ट यूजर्स की सिक्योरिटी को ध्यान में रखकर तैयार किया जाए।
सर्विस प्रोवाइडर और यूजर दोनों को ही कॉलर आइडेंटिटी की जानकारी होनी चाहिए। वॉयस और डेटा कॉल्स के बीच मौजूद अंतर खत्म हो चुका है, इसलिए सभी कॉलिंग प्लेटफॉर्म्स को एक ही रेगुलेशन फॉलो करने होंगे। टेलीकॉम मिनिस्टर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारत टेलीकॉम सेक्टर के नेतृत्व की क्षमता रखता है। इसे ध्यान में रखते हुए USOF (Universal Service Obligation Fund) को एक्सपैंड किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने साफ कहा है कि हमने ग्लोबल स्टैंडर्ड के पैरलल 5G सर्विस तैयार की है और 6G टेक्नोलॉजी के मामले में दुनिया को लीड करेंगे।