जालंधर, 22 मई- ( न्यूज़ हंट )
डिप्टी कमिश्नर जालंधर श्री घनश्याम थोरी के नेतृत्व में ज़िला प्रशासन की तरफ से किये जा रहे प्रयत्नों से जालंधर ज़िले में कोविड कारण मृत्यु दर सबसे कम होने के कारण राज्य भर में सी.एफ.आर्मज इंडैक्स में 15वें स्थान पर है।
इस सम्बन्धित जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर श्री घनश्याम थोरी ने बताया कि ज़िले में कोविड के 56400 पाजिटिव केस पाए गए थे ,जिनमें से 1290 की मौत होने से मृत्यु दर 2.29 प्रतिशत है। उन्होनें बताया कि तेज़ी से कोविड सैंपल लेने, कोविड मरीज़ों के संपर्क में आए व्यक्तियों की पहचान करने और समय पर इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाने के कारण ही कोविड मृत्यु दर को सबसे कम किया जा सका है।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि ज़िले में कोविड टैस्टिंग के चलाई गए अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य और पुलिस विभाग की सांझी टीमों की तरफ से ज़िले के अलग -अलग स्थानों पर व्यापक कोविड टैस्ट किये गए। इसके साथ ही हाट- स्पाट इलाकों में 100 प्रतिशत सैंपलिंग के साथ-साथ पाजिटिव लोगों के संपर्क में आए लोगों की अधिक से अधिक पहचान की गई। उन्होंने यह भी बताया कि समय पर घर में एकांतवास करने और इलाज उपलब्ध करवाने ने भी मृत्यु दर को काबू में रखने में मदद की।
डिप्टी कमिश्नर ने यह भी बताया कि इसके इलावा ज़िला प्रशासन की तरफ से कोविड वायरस को फैलने से रोकने के लिए रणनीति भी अपनाई गई, जिस के अंतर्गत होम आइसोलेशन में व्यक्तियों को पूरी निगरानी में रखा गया और यदि किसी व्यक्ति में कोविड के गंभीर लक्षण दिखाई दिए, तो उसे तुरंत अस्पताल भेजा गया। उन्होनें बताया कि कोविड महामारी दौरान पैदा हुए अलग -अलग मामलों को हल करने के पुख्ता प्रबंध किये गए और ज़िले के कोविड केयर सैंटरों में अपेक्षित मात्रा में आक्सीजन स्पलाई को भी सुनिश्चि किया गया।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि ज़िला प्रशासन महामारी के इस कठिन समय दौरान ज़िला निवासियों को बढिया डाक्टरी सेवाएं उपलब्ध करने के लिए वचनबद्ध है और लोगों की कीमती जानें बचाने और वायरस को फैलने से रोकने के लिए कोई कमी बाकी नहीं छोड़ी जायेगी।