जालंधर, 13 जुलाई 2021 (न्यूज़ हंट )
कर्मचारियों की मांगों को लेकर भारतीय मज़दूर संघ ने राज्य सरकार के खिलाफ संघर्ष छेड़ दिया है। भारतीय मजदूर संघ पंजाब ने कैशियर श्री मनोज पुंज की अध्यक्षता में पंजाब के मुख्यमंत्री के नाम से डीसी जालंधर को मांग पत्र सौंपा। श्री मनोज पुंज ने कहा कि पंजाब सरकार लगातार कर्मचारियों के साथ धक्का कर रही है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने कर्मचारियों की मांगों को नहीं माना तो वह एक बड़ा कदम उठाने को मजबूर होंगे। कर्मचारियों के पक्ष में छठा वेतन आयोग ठीक से लागू किया जाए और केंद्र सरकार द्वारा 1 अक्टूबर, 2018 को 1500 रुपये प्रति माह की वृद्धि की गई, जिसमें रुपये की कमी की गई है।
श्री मनोज पुंज ने बताया कि निजी कर्मचारियों और औद्योगिक कर्मचारियों के महंगाई के किश्तों के आंकड़े हर साल मार्च और सितंबर के महीने में जारी किए जाते थे, जो मार्च 2020 से लंबित है। पंजाब सरकार ने भी मार्च 2020 में महंगाई के 401 रुपये (न्यूनतम वेतन से संबंधित) के आंकड़े की अधिसूचना जारी की थी, लेकिन सरकार ने इसे वापस ले लिया था, जिसे लागू किया जाए।
श्री मनोज पुंज ने कहा कि न्यूनतम वेतन (संशोधन) हर पांच साल में संशोधित किया जाता है, लेकिन 2013 के बाद से कोई वृद्धि नहीं की गई है। यह मजदूरों पर मार है। विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को भरा जाए। पंजाब सरकार के अधीन आउटसोर्स, वेतनभोगी, कांट्रैक्ट कर्मचारियों को स्थायी किया जाए। वहीं कर्मचारियों को महंगाई भत्ता नहीं दिया जा रहा है। औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को न्यूनतम 25000/- रुपये वेतन दिया जाए। इसी तरह गत माह के मूल वेतन को भी बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाए। सभी कर्मचारियों को 20% बोनस दिया जाए। इस अवसर पर कार्यकारी सदस्य राज नारायण, प्रदीप भाटिया, बलकार सिंह, अशोक कुमार, शुभम, बलबीर सिंह और मांगनी राम उपस्थित थे।