जालंधर, 22 जून ( न्यूज़ हंट ) :
डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने सोमवार को स्वास्थ्य विभाग को विलक्षण अपंगता पहचान पत्र (यूनिक डिसएबिलटी आइडेंटी कार्ड) के लिए विशेष ज़रूरतों वाले व्यक्तियों की रजिस्ट्रेशन में तेज़ी लाने के लिए जिले में विशेष कैंप लगाने के निर्देश दिए।
डिप्टी कमिश्नर ने विभाग को अधिक से अधिक कैंप लगाने और म्यूंसीपल कौंसलरों /सरपंचों / आशा वर्करों के द्वारा कैंपों सम्बन्धित आम लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए कहा, जिससे विशेष ज़रूरतों वाले व्यक्ति योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ ले सकें।
उन्होनें कहा कि उनकी तरफ से नियमित तौर पर रजिस्ट्रेशन में हुई प्रगति की व्यक्तिगत तौर पर समीक्षा की जायेगी। उन्होनें विशेष ज़रूरतों वाले सभी व्यक्तियों को यू.डी.आई.डी. कार्ड के लिए कैंपों में अपना आधार कार्ड, वोटर कार्ड या उम्र का कोई सबूत, पासपोर्ट आकार की फोटो ले कर आने की अपील की। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि यू.डी.आई.डी. कार्डों के लिए सेवा केन्द्रों के द्वारा और निजी तौर पर आनलाइन भी अप्लाई किया जा सकता है।
उन्होनें कहा कि अंगहीणता सर्टिफिकेट जारी करने से पहले हर मंगलवार और गुरूवार को आरथोपैडिकस, ईएनटी और आँखों के माहिर, मनोरोग के माहिर और दूसरे एक पैनल की तरफ से शारीरिक जांच की जाती है।
उन्होनें कहा कि यह कार्ड विशेष ज़रूरतों वाले व्यक्तियों को सिर्फ़ पारदर्शिता, कुश्लता और सरकारी लाभ पहुँचाने में आसानी को उत्साहित करने के लिए ही जारी नहीं किये जा रहे, बल्कि एकसारता को यकीनी बनाने के लिए भी जारी किये जा रहे है।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि कार्ड लागू करने के साथ सभी स्तर जैसे कि गाँव स्तर, ब्लाक स्तर, ज़िला स्तर, राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर से लाभपातरियों की शारीरिक और वित्तीय प्रगति की निगरानी करने में भी सहायता मिलेगी।
यू.डी.आई.डी.योजना के नोडल अधिकारी डा. अनु ने कहा कि यू.डी.आई.डी. में क्यू आर (कुइक्क रिस्पांस) कोड छापा गया है, जो कार्ड धारक के निजी विवरण, योग्यताएं और पूरा पता जानने में भी सहायता करेगा।
उन्होनें बताया कि कार्ड के साथ नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए सरकारी बसों में मुफ़्त बस सफ़र की सुविधा को यकीनी बनाने के इलावा ओर दिव्यांग व्यक्तियों को 50 प्रतिशत रियायत प्रदान करने में भी मदद मिलेगी। उन्होनें यह भी बताया कि इस योजना के अंतर्गत जिले में धारावाहिक कैंपों की शुरूआत 23 जून को जमशेर में पहला कैंप लगा कर की जा रही है और इसके बाद करतारपुर, नूरमहल, नकोदर, शाहकोट, लोहियाँ ख़ास और मेहतपुर में क्रमवार 23, 25, 30 जून को और 2, 7, 9, 14 जुलाई को इस प्रकार के कैंप लगाए जाएंगे।
उन्होनें आगे बताया कि यू.डी.आई.डी. अधीन नेत्रहीन, कम नज़र आना, कुष्ट रोग, सुनने की कमज़ोरी, डवारफइज़म, बौद्धिक असमर्थता, मानसिक बीमारी, आटिज़म स्पेक्ट्रम डिस्आरडर, दिमाग़ का लकवा, मासपेशी डिस्ट्राफी, गंभीर दिमाग़ी हालत, ख़ास सीखने की बीमारियाँ, मल्टीपल सकलोरोसिस, बोलने और भाषा की अयोग्यता, थैलेसीमिया, हीमोफिल्या, दाँती सैल की बीमारी, बोले और नेत्रहीन सहित कई अयोग्यता, एसिड हमलों के शिकार और पारकिंसन रोग से पीडित शामिल लोग है।