जालंधर, 1 जून: ( न्यूज़ हंट )
कपूरथला में हुए एक सड़क हादसे में चार साल की बच्ची, जिसका पैर कट गया था, के परिवार की मदद के लिए आगे बढते हुए डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने मंगलवार को अस्पताल को एक लाख रुपए और रैड्ड क्रास सोसायटी की तरफ से दवाओं पर किए खर्च को स्पांसर करने सहित बच्ची के इलाज में पूरी वित्तीय सहायता देने का विश्वास दिलाया। इसके इलावा 50000 रुपए का इलाज आयुष्मान भारत सरबत स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत यकीनी किया गया।
इस सम्बन्धित और ज्यादा जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि कुछ दिन पहले हुए एक सड़क हादसे में एक 4 साल की लड़की दीक्षा का पैर कटा गया था, जिसे डाक्टरों ने 6 घंटें की सर्ज़री के बाद दोबारा जोड़ दिया है। उन्होनें बताया कि पारिवारिक सदस्यों ने प्रशासन से सहायता की माँग की थी, क्योंकि ज़ख्मी बच्ची दीक्षा का पिता रोज मजदूरी करने के कारण इलाज में आने वाले खर्च को उठाने में असमर्थ था।
परिवार के वित्तीय हालात को ध्यान में रखते हुए डिप्टी कमिश्नर ने मुफ़्त दवाओं के इलावा रैड्ड क्रास सोसायटी की तरफ से तुरंत ही एक लाख रुपए के फंड जारी कर दिए गए। इसके इलावा 50000 रुपए का इलाज आयुष्मान भारत सरबत स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत यकीनी किया गया है।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि पीडित लड़की के कुछ स्थानीय रिश्तेदारों ने उनसे मदद की माँग की थी, क्योंकि प्लास्टिक सर्ज़री के द्वारा बच्ची के काटे हुए अंग को फिर जोड़ने पर 2 लाख रुपए खर्च आया था, जिसका भुगतान करने में परिवार असमर्थ था। उन्होनें कहा कि ज़िला रैड्ड क्रास सोसायटी को जोशी अस्पताल को एक लाख रुपए अदा करने के लिए कहा गया है, जहाँ बच्ची का इलाज चल रहा है।
श्री थोरी ने इस प्रकार की कोशिशों से समाज के कमज़ोर वर्ग की सहायता करने की प्रशासन की वचनबद्धता को दोहराते हुए परिवार को किसी भी तरह के फ़ाल्तू खर्च किए को सहन करने का भरोसा दिलाया जिससे उनको किसी प्रकार के वित्तीय बोझ का सामना न करना पड़े।
समाजसेवी राज कुमार चौधरी ने जालंधर प्रशासन के प्रयत्नों की प्रशंसा करते हुए बताया कि उनकी तरफ से यह घटना डिप्टी कमिश्नर जालंधर के ध्यान में एक वटसएप ग्रुप, जो कि प्रशासन की तरफ से ग़ैर सरकारी संगठनों के साथ संबंधो के लिए बनाया गया है, के द्वारा लाई गई थी। उन्होनें बताया कि उनकी विनती पर गौर करते हुए डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने तुरंत सरबत स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत 50000 रुपए का इलाज सुनिश्चित करने के इलावा एक लाख रुपए की वित्तीय सहायता पीडित परिवार के लिए जारी कर दी गई। उन्होनें कहा कि यह सहायता परिवार के लिए वरदान सिद्ध होगी, क्योंकि यह उनको किसी भी तरह के कर्ज़े के नीचे दबाने से बचाएगी।