फगवाड़ा 22 जुलाई (शिव कौड़ा) करीब पांच करोड़ रुपए की लागत से बने आडिटोरियम की खस्ता हालत को लेकर नगर निगम फगवाड़ा पर बरसते हुए शहर के पूर्व मेयर अरुण खोसला ने कहा कि आडिटोरियम की दुर्दशा के लिये सीधे तौर पर निगम कमिशनर जिम्मेवार है। जिनकी लापरवाही की वजह से करोड़ों रुपए में तैयार हुई आडिटोरियम की भव्य ईमारत ईंट पत्थर का खंडर बनकर रह गई है। उन्होंने बताया कि साल 2016 में शहर वासियों की मांग पर तत्कालीन विधायक एवं मौजूदा केन्द्रीय मंत्री सोम प्रकाश के प्रयास से आडिटोरियम का शिलान्यास किया गया। शहर के लोग तब खुश थे कि यह भव्य आडिटोरियम न केवल शहर की शोभा बढ़ायेगा बल्कि वे यहां अपने कार्यक्रम भी आयोजित कर सकेंगे मगर अफसोस की बात है कि नगर निगम फगवाड़ा इस आडिटोरियम का सद्उपयोग करने में नाकाम रही है नतीजा यह कि ईमारत की हालत लगातार खराब हो रही है और इसके आस-पास जंगली घास बूटी की भरमार है। जिसे देखकर लगता है कि जैसे जंगल में कोई पुराना खंंडर खड़ा हो। खोसला ने कहा कि निगम को चाहिये कि इस आडिटोरियम को शहर की समाज सेवी एवं धार्मिक संस्थाओं के अलावा राजनीतिक दलों को उनके समागम आयोजित करने के लिये वहन करने योग्य शुल्क पर दे ताकि इसके रखरखाव का खर्चा निकाला जा सके। उन्होंने निगम कमिशनर डा. नयन जस्सल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें प्रदेश सरकार के एक नेता विशेष की चाटुकारिता करने से ही फुर्सत नहीं है और लोग यह जानना चाहते हैं कि शहर की बेटी कब शहर की सुध लेगी पूर्व मेयर ने पंजाब की भगवंत मान सरकार को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब से यह सरकार बनी है तब से फगवाड़ा में कोई नया प्रोजैक्ट नहीं आया। बल्कि प्रशासन के जरिये पुरानी सरकारों द्वारा तैयार करवाई ईमारतों की देखभाल करवाने में भी यह सरकार पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने फगवाड़ा की खस्ता हाल सडक़ों, सीवरेज व्यवस्था सहित विकास से संबंधित अन्य खामियों के लिये भी निगम कमिशनर और प्रदेश सरकार को जिम्मेवार ठहराया है उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से मांग कर कहा कि फगवाड़ा की भलाई के लिये निगम कमिशनर का तुरंत तबादला किया जाये।