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Thursday, November 21, 2024

पंजाब के अलग-अलग विभागों में हर साल होंगी भर्तियां, जाने पंजाब मंत्रीमंडल ने और क्या-क्या फैसले लिए

न्यूज हंट. चंडीगढ़ : राज्य के नौजवानों के लिए रोजग़ार के नए अवसर सृजन करने के उद्देश्य से अहम फ़ैसला लेते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में मंत्री मंडल ने आने वाले चार सालों में 1200 सब-इंस्पेक्टरों और 7200 कॉन्स्टेबलों समेत 8400 पुलिस कर्मचारियों की भर्ती करने के लिए हरी झंडी दे दी है।
यह फ़ैसला आज यहाँ पंजाब सिविल सचिवालय में मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मंत्री मंडल की बैठक के दौरान लिया गया।
यह प्रगटावा करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि अगले चार सालों में हरेक साल 1800 कॉन्स्टेबल और 300 सब-इंस्पेक्टरों की भर्ती की जाएगी, जिससे आने वाले सालों में पुलिस कर्मचारियों के सेवा-मुक्त होने से खाली होने वाले पदों को भरा जा सके। प्रवक्ता के मुताबिक हरेक साल 2100 पदों के लिए तकरीबन ढाई लाख उम्मीदवारों के अप्लाई करने की उम्मीद है। यह सभी उम्मीदवार लिखित परीक्षा पास करने के साथ-साथ अपनी शारीरिक तंदरुस्ती के इम्तिहान से भी गुजऱेंगे। भर्ती प्रक्रिया से नौजवानों की असीमित ऊर्जा को सही दिशा में लगाया जायेगा और नशों एवं बुरी संगत से दूर रखने में मदद मिलेगी।
इसी तरह यह भर्ती राज्य के नौजवानों के लिए रोजग़ार के नए अवसर सृजन करेगी। प्रवक्ता के मुताबिक भर्ती सम्बन्धी विज्ञापन, इम्तिहान करवाने और नतीजों के ऐलान के लिए तय प्रक्रिया होगी। इस प्रक्रिया के अंतर्गत जनवरी महीने में विज्ञापन जारी किया जायेगा और लिखित परीक्षा मई-जून महीने करवाई जायेगी। इसी तरह सितम्बर महीने में फिजिकल टैस्ट होगा और नवंबर में नतीजा घोषित किया जायेगा।
राजस्व विभाग में पटवारियों के 710 पद भरने की मंजूरी
राजस्व विभाग के कामकाज को और अधिक सुचारू बनाने के उद्देश्य से मंत्री मंडल ने विभाग में राजस्व पटवारियों के 710 पद भरने की मंजूरी दे दी है। इस कदम से राजसव रिकॉर्ड तैयार करने, रख-रखाव और पुराने रिकॉर्ड की देखभाल को सुनिश्चित बनाना है, जिससे आम लोगों को यह सेवाएं समय पर मुहैया हो सकें।
NCC के कामकाज के लिए पैस्को के द्वारा 203 कर्मचारी नियुक्त करने की मंजूरी
नेशनल कैडिट कोर (एन.सी.सी.) की गतिविधियों को सुचारू ढंग से चलाने के लिए उच्च शिक्षा और भाषाओं विभाग को एन.सी.सी., मुख्य कार्यालय, इकाईयों और केन्द्रों के लिए पैस्को के द्वारा आऊटसोर्सिंग के अंतर्गत 203 कर्मचारी नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है। यह फ़ैसला एन.सी.सी. यूनिटों में रेगूलर भर्ती होने तक मानव संसाधन की गंभीर कमी के मुद्दे को तत्काल तौर पर हल करने में सहायक सिद्ध होगा। इससे एन.सी.सी. यूनिटों को प्रभावी ढंग से चलाने में और मदद मिलेगी, जिससे एन.सी.सी. कैडिटों के रूप में विद्यार्थियों के दाखि़लों में वृद्धि होगी।
EMF की दोहरी अदायगी बंद करने के लिए नई क्रशर नीति में संशोधन को मंजूरी
क्रशर मालिकों के साथ-साथ उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए कैबिनेट ने पर्यावरण प्रबंधन कोष (ई.एम.एफ.) की दोहरी अदायगी रोकने के लिए नई क्रशर नीति में संशोधन को मंजूरी दी है। पहले ही नोटीफायी हो चुकी नई क्रशर नीति के मुताबिक ई.एम.एफ. की अदायगी एक रुपए प्रति क्यूबिक फुट की दर से करनी अनिवार्य है, जो क्रशर मालिकों को अपनी रिटरनों के साथ जमा करवानी होती है। नई नीति के मुताबिक एक ही रेते पर स्क्रीनिंग प्लांटों और क्रशरों को दो बार ई.एम.एफ. की अदायगी करनी पड़ती है। इस कारण अंतिम उत्पाद सामग्री की लागत में बड़ी वृद्धि होती है और तैयार उत्पाद की बिक्री कीमत, इन्पुट लागत में वृद्धि हो जाने के कारण सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर व्यावहारिक नहीं होती। इसके अलावा यह सामग्री को दो बार चार्ज करने के बराबर है। इसलिए क्रशर मालिकों की माँग पर विचार करते हुए फ़ैसला किया गया कि अगर सत्यापन करने पर यह पाया जाता है कि पर्यावरण प्रबंधन कोष की रकम स्क्रीनिंग पलांट द्वारा पहले ही उस मात्रा के लिए अदा की जा चुकी है, जो खुले बाज़ार में बेची गई और सीधे उपभोक्ताओं को नहीं बेची गई, तो ऐसी स्थिति में पर्यावरण प्रबंधन कोष की रकम को स्क्रीनिंग प्लांट को दो महीनों के अंदर-अंदर वापस किया जायेगा।
क्रशर इकाईयों को तीन किस्तों में सुरक्षा राशि जमा करवाने की छूट
कैबिनेट ने क्रशर इकाईयों को अपनी सुरक्षा राशि की अदायगी छह महीनों में तीन किस्तों में जमा करवाने की छूट भी दे दी है।
उत्तरी भारत नहर और ड्रेनेज एक्ट, 1873 में संशोधन का फ़ैसला
कैबिनेट ने ग़ैर-सिंचाई मंतव्य के लिए नहरों/ नदियों के पानी का प्रयोग के खर्चों सम्बन्धी उत्तरी भारत नहरी और ड्रेनेज नियम, 1873 की धारा 75 के साथ पढ़ी गई धारा 75 में संशोधन को मंज़ूरी दी गई। इस फ़ैसले से राज्य सरकार को हर साल 186 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा।
‘दी सैलरीज़ एंड अलाऊंसिज़ ऑफ दी चीफ़ विह्प इन पंजाब लैजिसलेटिव असेंबली एक्ट, 2022’ बनाने की मंज़ूरी
कैबिनेट ने ‘दी सैलरीज़ एंड अलाऊंसिज़ ऑफ दी चीफ़ विह्प इन पंजाब लैजिसलेटिव असेंबली एक्ट, 2022’ बनाने की मंज़ूरी भी दे दी। भारतीय संसदीय प्रणाली में पार्टी का चीफ़ विह्प अहम रोल निभाता है और सदन की कार्यवाही सुचारू और प्रभावशाली तरीके से चलाना सुनिश्चित बनाता है। इसलिए सरकार ने बहुमत वाली पार्टी के चीफ़ विह्प को राज्य सरकार के मंत्रियों के बराबर दर्जा, वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाएं देने का फ़ैसला किया है।

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