हिन्दू धार्मिक स्थलों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करे पंजाब सरकार: डा. सुभाष शर्मा
हिन्दू धार्मिक स्थलों को हिन्दू समाज को सौंपा जाए
हजारों धार्मिक डेरे पंजाब सरकार के नियंत्रण में
चंडीगढ़: पंजाब भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डा. सुभाष शर्मा ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर मांग की है कि हिन्दू धार्मिक स्थानों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करके हिन्दू समाज को सौंपा जाए। पत्र के माध्यम से मुख्यमंंत्री को नववर्ष की बधाई देते हुए सुभाष शर्मा ने लिखा कि पंजाब में इस समय करीब 200 मंदिर एवं हजारों धार्मिक डेरे प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से पंजाब सरकार के नियंत्रण में हैं। बहुत से ऐतिहासिक मंदिर जिनमें काली माता मंदिर, पटियाला एवं काली माता मंदिर संगरूर भी शामिल हैं, ये प्रत्यक्ष रूप से पंजाब सरकार के नियंत्रण में हैं वहीं जालंधर का प्रसिद्ध सोढल मंदिर भी इनमें शामिल है जोकि अप्रत्यक्ष रूप से सरकार के नियंत्रण में है। इसके अतिरिक्त पंजाब में हजारों डेरे ऐसे हैं जिनके महंतों की नियुक्ति पंजाब सरकार ने अपने हाथ में ली हुई है। इसके परिणामस्वरूप उन पर भी नियंत्रण पंजाब सरकार ही कर रही है। पत्र में यह भी लिखा गया है कि इन मंदिरों में श्रद्धालुओं द्वारा दी जा रही दान राशि (चढ़ावा) का प्रयोग मंदिर के रखरखाव एवं धर्म के प्रचार के अलावा अन्य कई कार्यों में किया जा रहा है। इस प्रकार मंदिरों एवं डेरों की जमीन को भी कई तरीकों से हड़पने की कोशिशें बहुत सारे स्थानों पर चल रही हैं। डा. सुभाष शर्मा ने लिखा कि पटियाला के केदारनाथ मंदिर का उदाहरण सबके सामने है। मंदिर की 100 एकड़ जमीन पहले तो पीआरटीसी को बस स्टैंड बनाने के लिए ट्रांसफर कर दी गई अब उसी जमीन पर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट कालोनी काट रहा है। ऐसी अनेक घटनाएं पजाब में घटित हो रही हैं। डा. सुभाष शर्मा ने सीएम को लिखा कि, यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिन्दू धर्म से संबंधित धार्मिक स्थलों के साधनों की खुली लूट सरकार द्वारा की जा रही है। हिन्दू संतों एवं कई धार्मिक संगठनों द्वारा इसके खिलाफ निरंतर मुहिम भी चलाई जा रही है। आम आदमी पार्टी द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले इस संबंधी कार्रवाई करने का वादा भी किया गया था परंतु बाकी गारंटियों की तरह इसे भी भुला दिया गया। इसलिए आपसे मांग है कि हिन्दू मंदिरों एवं डेरों को तुरंत प्रभाव से पंजाब सरकार के नियंत्रण से मुक्त करवाकर हिन्दू समाज को सौंपा जाए ताकि इन धार्मिक स्थलों का पूरी मान मर्यादा के साथ रख रखाव किया जा सके।