पंजाब सरकार की योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया और बताया कि योजना में सरकार संशोधन करने जा रही है। पंजाब सरकार द्वारा दी गई इस जानकारी के बाद हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया। साथ ही याची को छूट दी कि अगर संशोधन के बाद उसे योजना से कोई आपत्ति हो तो वह फिर से हाईकोर्ट की शरण ले सकते हैं।
बठिंडा की NFSA डिपो होल्डर वेलफेयर एसोसिएशन ने याचिका दाखिल करते हुए बताया कि एसो. के सदस्य पंजाब में उचित मूल्य की दुकानें चलाते हैं। पंजाब सरकार ने योजना बनाई है कि राशन होम डिलीवरी के माध्यम से सीधा लाभार्थियों के घर तक पहुंचाएंगे। याची ने बताया कि उनके पास डिपो के लिए उचित लाइसेंस मौजूद हैं और अभी तक वह लाभार्थियों तक राशन पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। अब सरकार ने आटा निजी कंपनी के माध्यम से सीधा लाभार्थियों के घर तक पहुंचाने की योजना बनाई है। सरकार का यह फैसला संविधान में मौजूद प्रावधानों के विपरीत है।
पंजाब सरकार ने निजी कंपनियों को बीच में लाकर उचित मूल्य की दुकानों को बायपास किया है। याचिका में पंजाब सरकार की इस योजना को रद्द करने की मांग की गई है। साथ ही यह भी मांग की गई है कि पंजाब में सार्वजनिक वितरण प्रणाली से छेड़छाड़ न करने का पंजाब सरकार को आदेश दिया जाए। सिंगल बेंच ने योजना पर रोक लगाते हुए पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया था।
रोक के खिलाफ पंजाब सरकार बेंच के समक्ष पहुंची थी जिसने सिंगल बेंच को आदेश पर फिर से विचार करने को कहा था। सिंगल बेंच ने अब रोक को हटाते हुए याचिका खंडपीठ को रेफर कर दी थी। खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए इस योजना के तहत तीसरे पक्ष को लाभ देने पर रोक लगा दी थी। अब योजना में संशोधन की पंजाब सरकार द्वारा दी गई जानकारी के बाद हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया।