पंजाब में पंजाबी भाषा पर पाबंदी लगाने वाले सभी स्कूलों, कॉलेजों तथा युनिवर्सिटियों की रजिस्ट्रेशन रद्द की जायेः वीरपाल, हैप्पी, सतीष
होशियारपुर,( तरसेम दीवाना ) बेगमपुरा टाईगर फोर्स की ओर से आज फोर्स के राष्ट्रीय चेयरमैन तरसेम दीवाना, प्रदेश अध्यक्ष वीरपाल ठारोली तथा ज़िला प्रधान की प्रधानगी में भगवंत मान मुख्यमन्त्री पंजाब के लिए ए.सी. व्योम भारद्धाज के द्वारा भेजा गया। मांग पत्र में बेगमपुरा टाईगर फोर्स के नेताओं ने पंजाब प्रदेश में पंजाबी भाषा का उपयोग न करने वाली संस्थाओं/कार्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों तथा युनिवर्सिटियों के विरूद्ध कड़ी कारवाई करने की मांग की गई।
इस सम्बन्धी और जानकारी देते हुये बेगमपुरा टाईगर फोर्स के नेताओं ने बताया कि पंजाबी मातृभाषा को संसार में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से 10वां स्थान प्राप्त है। पर बड़े दुख की बात है कि पंजाबी मातृभषा को इतना बड़ा मान मिलने के बावजूद पंजाब प्रदेश में कार्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों तथा युनिवर्सिटियों में हिन्दी तथा अंग्रेज़ी भाषा का ज्यादा बोलबाला है जबकि पंजाब सरकार ने सभी सरकारी तथा प्राईवेट संस्थाओं तथा सरकारी संस्थानों को अपने साईन बोर्ड पंजाबी में प्रमुखता के साथ लिखकर लाने के आदेश दिये हुये हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से सभी कार्यालयों, कॉलेजों तथा युनिवर्सिटियों के कार्यालयों में सभी कामकाज पंजाबी में करना लाज़मी किया हुआ है। पर बड़े दुख की बात है कि भाषा एक्ट के बावजूद पंजाब में पंजाबी की अनदेखी बहुत बड़े स्तर पर हो रही है। उन्होंने कहा कि पंजाबी भाषा को उचित सत्कार दिलाने के लिए कई पंजाबी लेखक तथा पंजाबी स्नेही संघर्ष कर रहे हैं। उन्होेंने पंजाब सरकार को ताड़ना देते हुये कहा कि पंजाबी भाषा के विकास की ओर ज्यादा ध्यान देने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि पंजाबियों में पंजाबी साहित्य को पढ़ने का रूझान कम होना बहुत बुरी बात है। इसलिए सरकार की ओर से पंजाबी साहित्य की किताबों के मुफ्त लंगर लगाने चाहिए। उन्होंने कहा कि ’’भारतीय प्रशासनिक सेवा’’ (इंडियन एडमनिस्ट्रेशन सर्विस) तथा पंजाब की पी.सी.एस. आदि व्यवसायिक परीक्षायों की तैयारी के लिए परीक्षा के लिए उच्च स्तर की किताबें पंजाबी भाषा में उपलब्ध होनी चाहिये। साहित्य के साथ-साथ पंजाबी भाषा की हर प्रकार की भरपूर जानकारी आम लोगों की पहंुच तक होनी चाहिए। उन्होेंने कहा कि पंजाबी भाषा को हरमन प्यारी तथा विकसत भाषा बनाने के लिए पंजाबी को रोज़गार के साथ जोड़ना बहुत ज़रूरी है। उन्होंने पंजाब सरकार को कहा कि पंजाबी भाषा के विकास तथा प्रसार के लिए उच्च योगदान डालने वाले अध्यापकों, पत्रकारों, कॉलम नवीसों, लेखकों तथा कवियों का पंजाब सरकार द्वारा सम्मान करना चाहिए। उन्होंने मांग पत्र में पंजाब सरकार से मांग की कि पंजाब की मातृभाषा पंजाब को अनदेखा करने वाले स्कूलों, कॉलेजों तथा युनिवर्सिटियों की तुरंत रजिस्ट्रेशन रद्द की जाये। इस अवसर पर अन्यों के इलावा ज़िला सीनियर उप-प्रधान सतीश कुमार शरेगढ़, कमलजीत गोगा डाडा, अमनदीप, हरभजन लाल सरोआ, दर्शन सिंह सिद्धू, रवि सुंदर नगर आदि उपस्थित थे।