होशियारपुर 21 अक्तूबर, ( तरसेम दीवाना ) आज होशियारपुर के दावत रैस्टोरैंट में मास्टर कुलविन्दर सिंह जंडा का 13वां काव्य संग्रह ’’रूहां दा संताप’’ लोक अर्पण करने के लिए एक विशेष समागम मुख्य मेहमान हरबंस सिंह मंझपुर पूर्व एगजक्टिव मैंबर एस.जी.पी.सी की सरपरस्ती में किया गया।
इस अवसर पर ज्योति अर्पण करने के बाद पूर्व सिवल सर्जन डॉ. अजय कुमार बग्गा ने कहा कि मास्टर जंडा हर साल एक काव्य संग्रह लोक अर्पण करते हैं। उनके बाद ’’रूहां दा संताप’’ काव्य संग्रह सम्बन्धी डाक्टर धर्मपाल साहिल महान लेखक तथा नावलिस्ट ने पर्चा पढ़ा। उसके उपरांत मशहूर समाज सेवी तथा शिरोमणि अकाली दल के राष्ट्रीय उप-प्रधान संजीव तलवाड़ ने जंडा के काव्य संग्रह सम्बन्धी प्रकाश डाला। इस अवसर पर प्रिंसीपल परविन्दर सिंह खालसा कॉलेज माहिलपुर ने बताया कि मास्टर जंडा की गज़लों में दर्द की गहराई भरी हुई है। यह बिरहा विछोड़ा, पीड़ा हिजर तथा गम से भरपूर हैं। इस अवसर पर हरबंस सिंह कमल ने स्टेज का संचालन करके स्टेज राष्ट्रपति अवार्डी डॉ. धर्मपाल साहिल को सौंप दी। इस अवसर पर चौधरी इन्द्रजीत, डॉ.कुलदीप सिंह, जतिन्दर कुमार सूद, डॉ.दर्शन सिंह दर्शन, हर्षविन्दर कौर, हर्ष तलवाड़ा, मशहूर कवि रघवीर सिंह टेरकियाणा ने अपने काव्य अन्दाज़ में मास्टर जंडा की गज़लों की सराहना की तथा कामना की कि हर साल इसी तरह के प्रोग्राम होते रहें। इस अवसर पर शायरा ने कहा कि मास्टर कुलविन्दर सिंह जंडा की पहली 12 किताबें भी गहरे दर्द तथा गम से लबरेज़ थी तथा समाज के कई पक्षों को उजागर करती थी। उन्होंने कहा कि यह 13वां काव्य संग्रह ’’रूहों का संताप’’ हिजर, विछोड़ा, उदासियां तथा पीढ़ायें का शिखर है । इस अवसर पर प्रो.बलराज ने जंडा की लिखी हुई गज़लें गाकर सभी श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। इस अवसर पर जीवन कुमार रेंज अफसर वन विभाग ने भी गज़ल गा कर हाज़री लगवाई। इस अवसर पर मुख्य मेहमान जत्थेदार हरबंस सिंह मंझपुर पूर्व ऐगज़क्टिव मैंबर एस.जी.पी.सी ने कहा कि मास्टर कुलविन्दर सिंह जंडा जिन्होेंने पंजाब की सियासत में भी अहम योगदान डाला है तथा डाल रहे हैं उन्होंने मातृ भाषा पंजाबी तथा पंजाबीयत के लिए 13 काव्य संग्रह करके एक इतिहास रचा है। उन्होंने कहा कि मास्टर जंडा की गज़लें शिव कुमार बटालवी बिरहा का सुल्तान की याद दिलाती हैं। उन्होंने कहा कि मास्टर जंडा को आज के युग में दुआबे का शिव कहा जाता है। इस अवसर अन्यों के इलावा लैक्चरार मलकीत सिंह जौहल, रणजीत कुमार तलवाड़, डॉ. दर्शन सिंह, ऐडवोकेट दविन्दर कुमार शर्मा, मोहन लाल कलसी, हर्षविनदर कौर तलवाड़ा, प्रिंसीपल परविन्दर सिंह, बलजिन्दर सिंह मान, किरन कौर कैनेडा, सिमरतलीन कौर कैनेडा, हरगुण कौर कैनेडा, सोनू कस्सोचाहल आदि उपस्थित थे। समागम के अन्त में मास्टर कुलविन्दर सिंह जंडा ने आये हुये श्रोताओं का धन्यवाद किया।