राजस्थान के नागौर में एक अदालत के बाहर सेठी गिरोह के सदस्य संदीप बिश्नोई उर्फ सेठी की हत्या कर दी गई। काली स्कॉर्पियो में सवार हमलावरों ने उस वक्त गैंगस्टर संदीप पर गोलीबारी की, जब वह सुनवाई के लिए नागौर कोर्ट में रहा था। इस हमले में गोली लगने से मौके पर ही उसकी मौत हो गई। यह गैंगवार ऐसे वक्त पर सामने आई है, जब एनआईए ऐसे कुख्यात गैंगस्टर पर शिकंजा कस रही है।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने बिश्नोई और बंबीहा गैंग के खिलाफ यूएपीए की संबंधित धाराओं के तहत दो प्राथमिकी दर्ज की थी। एनआईए ने उन दोनों मामलों में संज्ञान लिया है। हमले में मारा गया गैंगस्टर संदीप बिश्नोई सेठी गैंग का गुर्गा था, जिसका संबंध लॉरेंस बिश्नोई गैंग से है। इस हत्याकांड के ठीक बाद दविंदर बंबिहा गैंग ने सोशल मीडिया पर इस मर्डर को बदला की कार्रवाई करार दिया। गिरोह, बंबीहा गैंग को अर्मेनिया में बैठा लकी पटियाल चला रहा है।
बंबिहा गैंग ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में इस हत्याकांड की जिम्मेदारी लेते हुए लिखा कि लॉरेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया और गोल्डी बरार का भी ऐसा ही हाल होगा। इसके बाद एक और पोस्ट सामने आई, जिसमें कथित तौर पर गोल्डी बरार से जुड़े एक अकाउंट से दावा किया गया कि बंबिहा गैंग का दावा निराधार है, यह पुरानी रंजिश का मामला था।
गोल्डी बरार ने आगे दावा किया कि पीड़ित और हमलावर दोनों उनके गैंग के मुखबिर थे और उनकी 10 साल पुरानी रंजिश थी. जिसे उन्होंने सुलझाने की कोशिश भी की थी। उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर बदला लेने की बात करने से बदला नहीं लिया जा सकता है।
राजस्थान पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर नागौर हत्याकांड में शामिल पांच हमलावरों की पहचान की है। इस बीच पुलिस बंबिहा गैंग के दावे की भी जांच कर रही है कि कहीं ये उस गैंग और राजस्थान के स्थानीय गैंग के बीच दुश्मनी का नतीजा तो नहीं? सूत्रों के मुताबिक इन दावों की हकीकत का पता लगाने के लिए राजस्थान पुलिस अब पंजाब पुलिस के संपर्क में है।