New Labour Code Update : न्यू वेज कोड पर लेटेस्ट अपडेट आ गया है। लोक सभा में श्रम राज्यमंत्री रामेश्वर तेली (Rameshvar Teli) ने न्यू वेज कोड (New Wage Code) लागू करने कर अपना जवाब पेश किया है। राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने बताया है कि कई राज्यों ने अपने ड्राफ्ट पेश कर दी है। चार लेबर कोड (Four Labour Codes) पर राज्यों ने आपका पक्ष रख दिया है। रामेश्वर तेली ने बताया है कि किन राज्यों ने अभी तक इसका चार्ट पेश किया है।
दरअसल, श्रम एवं रोजगार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) ने 4 श्रम संहिताओं (Labour Codes) के तहत नियमों को अंतिम रूप दे दिया है। 4 लेबर कोड्स में वेतन/मजदूरी संहिता, औद्योगिक संबंधों पर संहिता, काम विशेष से जुड़ी सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यस्थल की दशाओं (OSH) पर संहिता और सामाजिक व व्यावसायिक सुरक्षा संहिता शामिल हैं। इन चारों संहिताओं को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अधिसूचित किया जा चुका है लेकिन इन्हें अमल में लाने के लिए नियमों को भी अधिसूचित किए जाने की जरूरत है। आइये जानते हैं किन राज्यों ने किस कोड पर सहमती जताई है। उम्मीद है इस साल अक्टूबर तक न्यू वेज कोड लागू हो जाएगा।
नए वेज कोड में है क्या ?
वेज कोड एक्ट (Wage Code Act), 2019 के मुताबिक किसी कर्मचारी का मूल वेतन (Basic Salary) कंपनी की लागत (CTC) का 50 परसेंट से कम नहीं हो सकता है। अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं ताकि कंपनी पर बोझ कम पड़े। आइये जानते हैं इसके प्रावधानों के बारे में…
सैलरी स्ट्रक्चर पूरी तरह बदल जाएगा
वेज कोड एक्ट (Wage Code Act), 2019 के लागू होते ही कर्मचारियों का सैलरी स्ट्रक्चर पूरी तरह बदल जाएगा. कर्मचारियों की ‘(Take Home Salary’ घट जाएगी, क्योंकि Basic Pay बढ़ने से कर्मचारियों PF ज्यादा कटेगा यानी उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा। पीएफ के साथ साथ ग्रैच्युटी (Monthly Gratuity) में भी योगदान बढ़ जाएगा। यानी टेक होम सैलरी जरूर घटेगी लेकिन कर्मचारी को रिटायरमेंट पर ज्यादा रकम मिलेगी।
टेक होम सैलरी घटेगी, रिटायरमेंट सुधरेगा
मूल वेतन (Basic Pay) बढ़ने से कर्मचारियों (Employees) का पीएफ (PF) ज्यादा कटेगा, तो उनकी टेक-होम सैलरी (Take Home Salary) घट जाएगी। लेकिन, उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा। इससे उनकी सेवानिवृत्ति (Retirement) पर ज्यादा लाभ मिलेगा, क्योंकि भविष्य निधि (PF) और मासिक ग्रैच्युटी (Monthly Gratuity) में उनका योगदान बढ़ जाएगा।
कंपनियों के लिए होगी मुश्किल
आपको बता दें कि कर्मचारियों का सीटीसी (CTC) कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है। जैसे बेसिक सैलरी, मकान का किराया (HRA), PF, ग्रेच्युटी, LTC और मनोरंजन भत्ता वगैरह. नया वेतन कोड नियम लागू होने पर कंपनियों को यह तय करना होगा कि बेसिक सैलरी को छोड़कर (CTC) में शामिल किए जाने वाले दूसरे फैक्टर 50 परसेंट से ज्यादा न होने पाएं। ये कंपनियों का सिरदर्द बढ़ा सकता है।
1. वेतन/मजदूरी संहिता : उत्तरप्रदेश, गुजरात, गोवा समेत कुल 31 राज्यों ने इस पर अपनी सहमती दी है।
2. सामाजिक व व्यावसायिक सुरक्षा संहिता : गुजरात, हरियाणा , मध्यप्रदेश समेत कुल 25 राज्यों ने इस पर सहमती दी है।
3. औद्योगिक संबंधों पर संहिता : बिहार, गुजरात,हरियाणा समेत 26 लोगों ने इसे स्वीकारा है।
4. स्वास्थ्य एवं कार्यस्थल की दशाओं (OSH) पर संहिता : बिहार, असं, गोवा गुजरात समेत कुल 24 राज्यों ने इस कोड पर सहमती की है।