भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने मंगलवार को मॉस्को में अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ बैठक की। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई। विदेश मंत्री ने रूस से तेल खरीदने को लेकर पश्चिमी देशों के दबाव पर कहा कि भारत और रूस का रिश्ता बहुत पुराना और मजबूत है। तेल आपूर्ति को लेकर एनर्जी मार्केट पर दबाव है, लेकिन भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल और गैस का उपभोक्ता है। उन्होंने कहा कि यह भारत का मौलिक दायित्व है कि वह अपने उपभोक्ता को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचा सके। भारत के रूस के साथ काफी हित जुड़े हैं और मैं इसीलिए यहां आया हूं। मालूम हो कि विदेश मंत्री दो दिन की यात्रा पर रूस गए हुए हैं।
एनआईए के मुताबिक विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया को अफगानिस्तान की स्थिति को नहीं भूलना चाहिए क्योंकि आज उसे वह ध्यान नहीं मिल रहा है जिसका वह हकदार है।
एस जयशंकर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कोविड महामारी, वित्तीय दबाव और व्यापारिक कठिनाइयों का असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। अब हम यूक्रेन संघर्ष के परिणाम भी देख रहे हैं। आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन, दोनों मुद्दों का प्रगति और समृद्धि पर बुरा असर पड़ता है। हमारी वार्ता वैश्विक स्थिति के साथ-साथ विशिष्ट क्षेत्रीय चिंताओं पर भी हुई।