फगवाड़ा 3 अप्रैल (शिव कौड़ा) आगामी 1 जून को लोकसभा चुनाव के लिये पंजाब में होने जा रहे मतदान से पूर्व जनरल समाज मंच (रजि.) पंजाब ने सभी राजनीतिक दलों को अगाह किया है कि किसी भी ऐसे चेहरे को उम्मीदवार न बनाया जाये, जिसका अतीत जनरल समाज के हितों के विपरीत रहा है। आज यहां वार्तालाप में संगठन के कोर कमेटी सदस्यों सरदार फतेह सिंह, गिरीश शर्मा, डा. सतनाम सिंह परमार, पी.के. बांसल, योगेश प्रभाकर एवं बलबीर सिंह फुगलाना ने बताया कि यह निर्णय लोकसभा चुनाव को लेकर कोर कमेटी की आपसी चर्चा में लिया गया है। उन्होंने कहा कि जनरल समाज मंच जातिवाद की राजनीति का घोर विरोधी है। मगर विडंबना है कि सभी राजनीतिक पार्टियों में चंद ऐसे चेहरे मौजूद हैं जिनकी राजनीतिक दुकान जनरल समाज का विरोध करके फलती फूलती रही है। इसलिए हमेशा की तरह लोकसभा चुनाव से पहले भी आरक्षित लोकसभा सीटों पर सभी दलों के संभावित उम्मीदवारों के अतीत पर गौर किया गया है। ताकि जो भी नेता चुनाव जीत कर ताकतवर हो जाये वह जनरल समाज के लिये दिक्कत पैदा न कर सके। कोर कमेटी मैंबरों ने साल 2018 में घटित फगवाड़ा की एक घटना का उल्लेख करते हुए बताया कि दो गुटों के आपसी विवाद कुछ तथाकथित नेताओं द्वारा राजनीतिक रंग दिया गया क्योंकि झगड़े में अनुसूचित वर्ग के एक युवक की मृत्यु हो गई थी। हालांकि तब पुलिस ने दोनों गुटों के विरुद्ध क्रास केस दर्ज किया लेकिन राजनीतिक दबाव में एक तरफा कार्यवाही की गई जिसका संताप जनरल समाज के लोगों को भुगतना पड़ा था। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि फगवाड़ा विधानसभा क्षेत्र एस.सी. आरक्षित है और होशियारपुर (सु.) लोकसभा सीट का हिस्सा भी है। उन्होंने बताया कि तब शहर में जातिगत जहर घोलने का काम हुआ और कुछ नेताओं द्वारा जनरल समाज के लोगों के खिलाफ बहुत ही आपत्तिजनक टिप्पणिया भी की गई थी। उन्हीं में से एक नेता जो पहले भी जनरल समाज के विरोध के चलते चुनाव हार चुका है, अब दल बदल कर होशियारपुर लोकसभा हलके से प्रत्याशी घोषित हो चुका है। उन्होंने समूह जनरल समाज को अगाह करते हुए कहा कि ऐसे नेताओं से सावधान रहें और आपसी एकजुटता का परिचय देते हुए जातिगत जहर घोलने वाले कथित नेताओं का लोकसभा चुनाव में पूरी तरह बहिष्कार किया जाये।