जालंधर, 07 जुलाई 2021 ( न्यूज़ हंट ) :
ज़िला प्रशासन की तरफ से निजी अस्पतालों को अपने पी.एस.ए. अधारित आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए बार –बार की गई अपीलों के बावजूद ,जिन निजी अस्पतालों ने अभी तक आक्सीजन प्लांट न लगा कर आदेशों की पालना नहीं की, इस प्रकार के सात अस्पतालों को ज़िला प्रशासन की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी किये गए है।
डिप्टी कमिश्नर जालंधर घनश्याम थोरी ने बताया कि इन प्राईवेट अस्पतालों में शरनजीत, किडनी, सिक्का, आक्सफोर्ड, घई, न्यूरोनोवा और केयरमैक्स अस्पताल शामिल है,जिनको प्रशासन की तरफ से पी.सी.ए. अधारित आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए की गए आदेशों का उल्लंघन करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होनें बताया कि कोविड की दूसरी लहर दौरान यह अस्पताल उन अस्पतालों में शामिल थे ,जिन की तरफ से प्रति दिन 50 आक्सीजन सिलंडरों की माँग की जाती थी। उन्होनें बताया कि इनको अगस्त -2021 तक आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए कहा गया था।
श्री थोरी ने बताया कि इन अस्पतालों की तरफ से कोविड की आने वाली आगे वाली लहर दौरान अपनी, आक्सीजन सम्बन्धित ज़रूरतों को पूरा करने के लिए कोई प्रयत्न नहीं किये गए। उन्होनें बताया कि कई अस्पतालों ने अपने स्वंय को आक्सीजन उत्पादन में आत्म -निर्भर बनाने के लिए आक्सीजन प्लांट लगाए गए है, परन्तु इन अस्पतालों की लापरवाही ने आक्सीजन उत्पादन में आत्म -निर्भर बनाने के लक्ष्य को पूरा करने में रुकावट पैदा की है।
डिप्टी कमिश्नर ने स्पष्ट बताया कि यदि इन अस्पतालों के द्वारा कोविड का प्रभावशाली ढंग से मुकाबला करने के लिए जारी आदेशों की पालना नहीं की जाएगी तो स्वास्थ्य विभाग को इन अस्पतालों की कोविड केयर सुविधाओं के लायसंस रद्द करने की सिफारिश की जायेगी। उन्होनें आगे बताया कि यदि कोविड की तीसरी लहर दौरान आक्सीजन की कमी कारण कोई मौत होती है, तो इन अस्पतालों को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया जाएगा ,क्योंकि यह अस्पताल अपेक्षित मात्रा में आक्सीजन भंडार करने के लिए ज़िम्मेदार है।
डिप्टी कमिश्नर ने आगे बताया कि जिन अस्पतालों के पास अपने आक्सीजन प्लांट होगें उनको कोविड केयर सुविधाओं में कोविड -19 के मरीज़ दाख़िल करने की पहल होगी। ज़िक्रयोग्य है कि ज़िला प्रशासन की तरफ से कोविड की दूसरी लहर दौरान आक्सीजन की स्पलाई का निर्विघ्न प्रबंधन करने के लिए एयर फोर्स की सहायता के साथ आक्सीजन टैंकर लाने के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए थे। उन्होनें बताया कि अब अस्पतालों के पास आक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए काफ़ी समय है, जिससे दोबारा इस तरह की स्थिति का सामना न करना पड़े। उन्होनें कहा कि कोविड की तीसरी लहर दौरान यदि आक्सीजन की कमी आती है तो इस लिए अस्पतालों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
इसी तरह डिप्टी कमिश्नर ने कई प्राईवेट अस्पतालों जिन्होनें प्रशासन की अपील को मानते हुए कोविड की तीसरी लहर का असरदार ढंग से मुकाबला करने के लिए अपने आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए संजीदा प्रयत्न किए है की भी प्रशंसा की गई। उन्होनें बताया कि इन अस्पतालों में श्रीमन सुपर सपैशिलटी, एन.एच.एस., न्यू रूबी, अरमान, रत्न, जोशी, ग्लोबल, टैगोर, कैपीटोल अस्पताल और पिम्स शामिल है। उन्होनें बताया कि छह अन्य अस्पताल जिनमें सरवोद्या, मान मैडीसिटी, इनोसैंट हार्टस अस्पताल, जौहल और मिलटरी अस्पताल शामिल है की तरफ से अपने आक्सीजन प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। डिप्टी कमिश्नर ने इन स्वास्थ्य संस्थानों की तरफ से किये जा रहे प्रयत्नों की प्रशंसा भी की और दूसरो को भी अपने अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगाने की अपील की गई।