जालंधर 3 सितंबर (न्यूज़ हंट )- पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश उत्सव को मनाने के लिये सितंबर माह में 7, 14 और 21 तारिख को सिख वास्तुकला (आर्किटेक्चर) पर पहली बार अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठि आयोजित की जा रही है जिसमें वर्चुअल रुप से भारत और पाकिस्तान के लगभग 1000 आर्किटेक्ट और संबंधित कार्यक्षेत्र के पेशेवर इस आयोजन से जुड़ेंगें। साकार फाउंडेशन के द्वारा आयोजित इस संगोष्ठि में उत्तरी भारत के आठ प्रतिष्ठित आर्किटेक्चर स्कूल और विश्वविद्यालय के साथ साथ कुछ राष्ट्रीय स्तर के संगठन जैसे दी सिक्ख चैंबर आॅफ कामर्स, चंडीगढ़ और पंजाब चैप्टर का इंडियन इंस्टीच्यूट आॅफ आर्किटेक्ट्स, फायर एंड सेफ्टी ऐसोसियेशन आॅफ इंडिया, ऐसोचैम, आश्रय आदि जुड़े हैं।
इस संगोष्ठी के संयोजक आर्किटेक्ट सुरिंदर बाहगा के अनुसार सिख वास्तुकला पर साहित्य का अभाव रहा है और संभवतः इस विषय पर पहले कोई संगोष्ठी आयोजित नहीं की गई है। इस संगोष्ठी का उद्देश्य दुनिया भर के सभी विशेषज्ञों को एक तल पर लाकर ‘सिक्ख वास्तुकला’ पर अपने विचार, दस्तावेज और ज्ञान साझा कर गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश उत्सव को और अधिक यादगार बनाना है।
तीन अलग अलग दिनों में सत्रों में आयोजित होने वाली इस संगोष्ठि पर विस्तार से सुरेन्द्र बाहगा ने बताया कि 7 सितंबर को आयोजित होने वाले सत्र में दर्जनों वक्ताओं के बीच लाहौर युनिवर्सिटी के आर्ट हस्ट्री के ऐसोसियेट प्रोफेसर डाॅ नरधा शाहबाज खान, चंडीगढ़ काॅलेज आॅफ आर्किटेक्ट के पूर्व प्रिंसीपल एसएस भट्टी, औरंगाबाद से संरक्षण वास्तुकार आब्रहिम पाथरोस और सीटी युनिवर्सिटी के प्रोफेसर श्रुति कपूर व अन्य सिक्ख वास्तुकला के अनछुये पहलूओं पर प्रकाश डालेंगें। उन्होंनें बताया कि 14 सितंबर को नार्थ वेस्टर्न इंडिया की हिन्दु मुस्लिम वास्तुकला के विशेषज्ञ डाॅ सुभाष परिहार, पाकिस्तान के जानी मानी आर्किटेक्ट व शिक्षाविद् परवेज वंदल, लाहौर स्थित इंस्टीच्यूट फाॅर आर्ट एंड कल्चर की पूर्व वीसी सजिदा हैदर भाई राम सिंह द्वारा भारत, पाकिस्तान और इंग्लैंड में दिये गये वास्तु प्रोजेक्ट्स के विषय में अवगत करवायेंगें। अमृतसर स्थित जीएनडीयू के पूर्व प्रोफेसर डाॅ बलविंदर सिंह कनजरवेशन आॅफ सिक्ख आर्किटेक्चरल हैरिटेज पर विचार व्यक्त करेंगें।
21 सितंबर को आयोजित होने वाले समकालीन सिक्ख आर्किटेक्चर सत्र पर विश्व विख्यात वास्तुकार मौशे सैफदी अपने आनंदपुर साहिब स्थित खालसा हेरिटेज कॉम्पलेक्स की वास्तुशैली पर व्याख्यान देंगे जबकि डॉ कीर्ति भोंसले और कुलदीप कौर भाटिया पंजाब के गुरुद्वारों की वास्तु शैली पर अपने अपने विचार रखेंगें। इसी बीच चरणजीत शाह हाल ही में अस्तित्व में आये करतारपुर सिख कॉरिडोर पर वास्तुकला को विस्तारपूर्वक समझायेंगे जबकि मुरथल हरियाणा से डाॅ ज्योति पांडेय भी इस अवसर पर सिख वास्तुकला शैली पर संबोधित करेंगीं।