होशियारपुर 27 दिसंबर (न्यूज़ हंट)- होशियारपुर को जिला बने 175 साल पूरे होने जा रहे हैं। इसी सबंध में होशियारपुर की विरासतों में एक विरासत रही शायरी को पुन: जीवित करने के लिए पंजाब स्तरीय मुशायरा जश्र-ए-होशियारपुर का जो आयोजन सभ्याचार संभाल सोसायटी की तरफ से किया गया है, वो प्यार और मोहब्बत का संदेश दे कर सम्पन्न हुआ।
मुशायरे में प्रसिध्द शायर कााहिद अबरोल ने होशियारपर के साथ जुड़ी हुई स्मृतियों को याद करते हुए कहा कि कांगड़ा से अंबाला तक फैले इस जिले की आबो हवा में कला के लिए शुरू से ही सत्कार रहा है। उन्होने 1970 के दशक को याद करते हुए कहा कि होशियारपुर की सरजमीं से ऐसे शायर निकले हैं, जिन्होने शायरी के क्षेत्र में बाखूबी नाम कमाया है।
मुशायरे में प्रसिध्द शायर चमन शर्मा चमन ने अपनी गकाल गुलशन की तरह घर को सजाती हैे बेटियां, हर हाल में ही साथ निभाती हैं बेटियां। माँ बाप, भाई बहन और बचपन की साथिनें, सब छोड़ कर ससुराल को जाती हैं बोटियां, ने श्रोताओं की आंखों को नम कर दिया।
इस मौके पर सभ्याचार संभाल सोसायटी के अध्यक्ष कुलविंदर सिंह जंडा ने कहा कि सोसायटी का मूल मकसद उन सभी प्रतिभाओं को स्थापित करना है, जो रास्ते में हम से पीछे छूट गई हैं।
समारोह को संबोधित करते हुए डा़ अजय बज्गा ने होशियारपुर के इतिहास के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि होशियारपुर ने सभी धर्मों को सम्मान दिया है और यहां के बुध्दिजीवियों ने भाषा के नाम पर कभी भी समाज को बंटने नहीं दिया।
इस मौके पर यूथ डिवैलपमैंट पंजाब के पूर्व चेयरमैन संजीव तलवाड़ ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से सोसायटी उन लोगों को एक मंच उपलब्ध करवा रही है, जो किसी अभाव के कारण अपनी प्रतिभा लोगों तक नहीं पहुंचा सके।
मुशायरे का मंच संचालन मशहूर शायर कशिश होशियारपुरी ने बहुत ही शायराना अंदाज में किया। मुशायरे में पंजाब के प्रसिध्द शायरों डा़ नफस अंबालवी, कााहिद अबरोल, कामीर अली कामीर, मुकेश आलम, रघुबीर सिंह टेरकियाना, नरेश निसार, महेन्द्र सानी, चमन शर्मा चमन. करनजीत नकोदर, एकााका फारूखी, विकास दीप मुसाफिर, ड़ा धर्मपाल साहिल, मनोज शर्मा, ललित कुमार ने अपनी कलामों व गकालों से खूब समय बांधा। इस अवसर पर प्रसिध्द बाल विशेषज्ञ ड़ा गुरमीत सिंह, जी.एम.शर्मा, पूर्व पार्षद नाति तलवाड़, सुदर्शन धीर, नरिंदर सैनी, रजनी तलवाड़, सभ्याचार संभाल सोसायटी के समूह सदस्य व अन्य गणमान्य भी उपस्थित थे।