न्यूज हंट. चंडीगढ़ : एक विधायक-एक पेंशन (One MLA One Pension) के पंजाब सरकार (Punjab Govt) के निर्णय को छह पूर्व विधायकों ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab & Haryana High Court) में चुनौती दी है। याचिका में अपील की गई है कि लाभार्थी पूर्व विधायकों से लाभ न छीना जाए और कानून बनने के बाद विधायक बनने वालों पर इसे लागू किया जाए। याचिका पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है।
पंजाब सरकार के एक विधायक-एक पेंशन के निर्णय के खिलाफ पूर्व विधायक राकेश पांडेय, लाल सिंह, सरवन सिंह, सोहन लाल ठंडल, मोहन लाल और गुरविंदर सिंह अटवाल ने हाईकोर्ट को बताया कि 24 अगस्त को एक पत्र जारी कर विधायकों की पेंशन कम करने का निर्णय लिया गया है। पंजाब सरकार के इस निर्णय से एक बार विधायक रहे व्यक्ति और कई बार विधायक रहे एक बराबर हो गए हैं। इस निर्णय के बाद कई बार विधायक रहने वालों को भी उतनी ही पेंशन मिलेगी जितनी एक बार विधायक रहने वालों को मिलती है। याचिका में कहा गया है कि पंजाब सरकार के इस निर्णय से दशकों तक विधायक रहने वालों को उनके बराबर लाकर खड़ा कर दिया गया है जो बिल्कुल नए हैं।