PK speaks about Political Situations: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक नेश्नल चैनल से एक्सक्लूसिव बातचीत में बिहार और देश के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम पर बातचीत की। इस दौरान प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने विपक्षी एकजुटता और नीतीश कुमार को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम को देश से जोड़कर देखना ठीक नहीं। नीतीश के दिल्ली दौरे पर निशाना साधते हुए पीके ने कहा कि देश की राजनीति में बहुत बड़ा फर्क नहीं पड़ेगा। वो बोले कि बैठकर चाय पीने या खाना खाने से कुछ नहीं होने वाला है। नीतीश कुमार पहले भी बीजेपी के खिलाफ थे, फिर साथ चले गए। 2014 के बाद भी सारे विपक्षी दल विलय की बात कर रहे थे लेकिन हुआ कुछ नहीं।
चुनावी रणनीतिकार ने महागठबंधन सरकार को लेकर कहा कि नीतीश कुमार जिस समझदारी से मुख्यमंत्री पद पर बने हुए हैं, यह 10 साल में छठा फॉर्मेशन है और इसमें एक बात कॉमन है और वह है नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री बने रहना। वो कुर्सी है जो जाती नहीं है। फेवीकोल का जोड़ भले टूट जाए लेकिन कुर्सी और नतीशीजी का जोड़ टूटेगा नहीं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीशजी कल तक बीजेपी के पक्ष में थे। पीएम मोदी को महामानव बता रहे थे। उन्हें 90 डिग्री पर छुककर नमस्कार कर रहे थे। वे आने कार्यकाल में ज्यादातर समय बीजेपी के साथ रहे हैं।
अब एक महीने के बाद वह बीजेपी के खिलाफ लोगों को एकजुट कर रहे हैं। ऐसे में जब वह विपक्षी दल के नेताओं के पास जा रहे हैं तो लोगों में यह जिज्ञासा होगी कि वह आखिर किन वजहों से बीजेपी को छोड़कर आए हैं। विपक्ष में वह अपनी क्या भूमिका देखते हैं।