नई दिल्ली : दुनियाभर में फुटबॉल को चलाने वाली सबसे बड़ी संस्था यानी फीफा (FIFA) ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ पर बैन लगा दिया है। इसका सीधा-सीधा मतलब ये है कि अब न तो भारत इस साल अक्टूबर में होने वाला वीमेंस अंडर-17 फुटबॉल वर्ल्ड कप की मेजबानी कर पाएगा और न ही अपनी राष्ट्रीय फुटबॉल टीम किसी इंटरनेशनल इवेंट में खेल पाएगी।
फीफा ने तीसरे पक्ष द्वारा गैर जरूरी दखल का हवाला देकर अखिल सोमवार रात यह कड़ा फैसला लिया। फीफा ने कहा है कि निलंबन तुरंत प्रभाव से लागू होगा । फीफा ने एक बयान में कहा,‘ यह निलंबन तभी हटेगा जब AIFF यानी अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ अपनी कार्यकारी समिति की घोषणा नहीं कर देता। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद देश में फुटबॉल का कामकाज प्रशासकों की समिति यानी CoA देख रही है। फीफा भारत के खेल मंत्रालय से लगातार संपर्क में है और सकारात्मक नतीजे तक पहुंचने की उम्मीद है।
चुनाव से शुरू हुआ सारा विवाद
सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) ने चुनावी प्रक्रिया शुरू कर दी है। 28 अगस्त को चुनाव होने हैं। मगर सारे विवाद की जड़ में ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) के पूर्व अध्यक्ष और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी NCP नेता प्रफुल पटेल जुड़े हुए हैं। 2004 में यूपीए सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रहे प्रफुल्ल पटेल को 2009 में अध्यक्ष बनाया गया था। 2022 में जब तक सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पद से हटा नहीं दिया तब तक वे अध्यक्ष बने रहे। भारत के स्पोर्ट्स कोड के अनुसार कोई भी व्यक्ति 3 बार से ज्यादा अध्यक्ष नहीं बन सकता। अब प्रफुल्ल पटेल राज्य संघों के साथ मिलकर चुनाव नहीं होने दे रहे हैं।