कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) आज (7 सितंबर) से शुरू हो गई है। राहुल गांधी ने हरी झंडी दिखाकर इसका शुभारंभ किया है। यह यात्रा 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरकर 3570 किलोमीटर का सफर तय करेगी। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इसे कांग्रेस का बड़ा दांव माना जा रहा है।
कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनियां गांधी ने पत्र लिखकर इस यात्रा को संबोधित किया है। अपने पत्र में सोनिया ने यात्रा में शामिल नेताओं को शुभकामनाएं दी हैं तो वहीं खुद शामिल न होने पाने की असमर्थता के लिए खेद भी व्यक्त किया है। पढ़िए सोनिया गांधी का पत्र…
वणक्कम…
नमस्कार…
ऐसे समय, जब कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू हो रही है, तब इलाज और मेडिकल जांच के कारण में आप लोगों के बीच व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हूं। इस असमर्थता के लिए मुझे खेद है।
शानदार विरासत वाली हमारी महान पार्टी कांग्रेस के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर है। मुझे विश्वास है कि इससे हमारे संगठन का कायाकल्प होगा। भारतीय राजनीति के लिए यह पल परिवर्तनकारी साबित होगा।
मैं विशेष तौर पर अपने उन 120 सहयोगियों को बधाई देना चाहती हूं, जो लगभग 3600 किलोमीटर लंबी इस पदयात्रा को पूरा करेंगे। यात्रा कई राज्यों से गुजरेगी और इसमें हजारों नए लोग शामिल होंगे, उन्हें भी मेरी तरफ से शुभकामनाएं।
वैचारिक और आत्मिक रूप से मैं हमेशा ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल रहूंगी। निश्चित ही मैं यात्रा को आगे बढ़ते हुए लाइव देखूंगी। तो आइए हम संकल्प लें, एकजुट हों और अपने कर्तव्यों पर दृण रहें। जय हिंद…
नफरत की राजनीति में पिता को खो दिया: राहुल
कन्याकुमारी में यात्रा का शुभारंभ करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि नफरत और बंटवारे की राजनीति में मैंने अपने पिता को खो दिया। मैं अपने प्यारे देश को इसमें नहीं खोऊंगा। प्यार नफरत को जीत लेगा। आशा डर को हरा देगी। हम सब मिलकर मात देंगे।
हर रोज बसेगा एक नया गांव
कन्याकुमारी से कश्मीर तक 3570 किलोमीटर तक चलने वाली भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हर रोज कंटेनर के जरिए एक नया गांव बसेगा, जहां राहुल गांधी और उनके साथ चलने वाले यात्री ठहरेंगे। इसके लिए करीब 60 कंटेनर को आशियाने के रूप में तैयार किया गया है, जिन्हें ट्रकों पर रखा गया है.
यह सभी कंटेनर राहुल यात्रा के दौरान साथ नहीं चलेंगे बल्कि दिन के अंत में निर्धारित जगह पर यात्रा में शामिल लोगों के पास इन्हें पहुंचा दिया जाएगा। रात्रि विश्राम के लिए इन सारे कंटेनर को गांव की शक्ल में हर रोज एक नई जगह पर खड़ा किया जायेगा। राहुल गांधी सुरक्षा कारणों से एक अलग कंटेनर में सोएंगे, जबकि बाकी अधिकतर कंटेनरों में 12 लोग सो सकते हैं। इसी कंटेनर के गांव में सभी यात्री एक टेंट में राहुल गांधी के साथ खाना भी खाएंगे, जो पूर्णकालिक यात्री राहुल गांधी के साथ रुकेंगे वे एक साथ खाना खायेंगे और आसपास ही रहेंगे।