Mangal-Rahu Yuti: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का परिवर्तन अन्य राशियों पर शुभ और अशुभ प्रभाव डालता है। वहीं एक ग्रह का दूसरे ग्रह से मिलना युति कहलाता है। मंगल ग्रह इन दिनों मेंष राशि में विराजमान हैं और 10 अगस्त को वे वृष राशि में प्रवेश कर जाएंगें। बता दें कि 27 जुलाई को मंगल ग्रह के मेष में गोचर करने से अंगारक योग का निर्माण हुआ था। मेष राशि में ये अंगारक योग 37 साल बाद बना था, जो कि 10 अगस्त को खत्म हो जाएगा और मेष राशि के लोग राहत की सांस ले पाएंगे।
इन ग्रहों की युति से बनता है अंगारक योग
मेष राशि में मंगल के गोचर से इस राशि में अंगारक योग का निर्माण हुआ था। इस योग को अशुभ माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार पाप ग्रह राहु और मंगल को उग्र ग्रह का रूप माना गया है और इन दोनों की युति से ही अंगारक योग का निर्माण होता है। ये अंगारक योग कुछ राशियों के लिए शुभ तो कुछ के लिए अशुभ फलदायी होता है।
इन राशियों के लिए है मुश्किल भरा समय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी कोई ग्रह अपनी स्वराशि में होता है, तो वे ज्यादा शक्तिशाली हो जाता है। ऐसे ही मंगल ग्रह इस समय मेष राशि में है। मंगल की स्वराशि मेष ही है, इसलिए मंगल अपनी अधिकतम शक्ति का प्रयोग कर रहा है। ऐसे में मेष राशि में बना अंगारक योग वृषभ, तुला और सिंह राशि वालों के लिए मुश्किल खड़ी कर रहा है लेकिन कल इन तीनों राशियों को इस योग से छुटकारा मिल जाएगा।
10 अगस्त को वृषभ में प्रवेश करेंगे मंगल
27 जुलाई को मेष में मंगल का प्रवेश कई राशियों के लिए मुश्किल भरा समय था लेकिन 10 अगस्त को मंगल ग्रह वृषभ राशि में गोचर कर रहा है। और ऐसा होते ही राहु के साथ मंगल की युति समाप्त हो जाएगी, और 37 साल बाद बना ये अंगारक योग भी खत्म होगा। 10 अगस्त को तीनों राशियां राहत की सांस लेंगी।