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Saturday, April 20, 2024

Lunar Eclipse 2022 : इस दिन है साल का आखिरी चंद्रग्रहण, इन राशियों को रहना चाहिए सावधान !

Lunar eclipse 2022 : साल का आखिरी सूर्य ग्रहण कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की शुरुआत में लग गया है। इसके बाद अब कार्तिक पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण लगेगा। कार्तिक मास के एक ही पक्ष में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण की युति है। धार्मिक दृष्टि से यह शुभ संकेत नहीं। इसके कई अशुभ संकेत हैं जो परेशानी का सबब बन सकते हैं।
इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 16 मई को था। इस चंद्र ग्रहण का समय सुबह 07:58 बजे से 11:25 बजे तक था। अब इस साल का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण कुछ राशियों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। तो आइए जानें कि किन राशियों पर इसका प्रभाव पड़ता है-
इस दिन लगेगा दूसरा चंद्रग्रहण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साल 2022 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को दोपहर 1:32 बजे से शाम 7:27 बजे तक लगेगा। यह पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। सूतक काल में यह ग्रहण अधिक प्रभावी रहेगा। भारत में यह चंद्र ग्रहण नहीं दिखेगा। लेकिन चूंकि जब सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण एक ही पक्ष में होते हैं तो शास्त्रों के अनुसार ये शुभ संकेत नहीं होता।
इन राशियों के जातकों पर दिखेगा प्रभाव
वृश्चिक (Scorpio) : वृश्चिक राशि के जातकों को ग्रहण काल​​में धन संबंधी कोई कार्य करने से पहले सोचना चाहिए। अन्यथा भारी आर्थिक नुकसान होने की संभावना है। वृश्चिक राशि के लोगों को इस दौरान सावधान रहना चाहिए।
वृष राशि (Taurus) : वृष राशि वालों के लिए भी यह ग्रहण शुभ नहीं माना जाता है। वृष राशि वालों को इस ग्रहण के दौरान अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। साथ ही इस दौरान कोई नया काम शुरू न करें।
कन्या (Virgo) : कन्या राशि के जातकों को किसी भी प्रकार के अनावश्यक खर्च से बचना चाहिए। इस राशि के जातकों को पूरे 15 दिन तक ध्यान रखना चाहिए।
मिथुन (Gemini) : मिथुन राशि के जातकों के इस दौरान अधिक खर्च करने की संभावना है। इस राशि के जातकों पर आर्थिक दृष्टि से चंद्र ग्रहण का बुरा प्रभाव पड़ सकता है और मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है।
ग्रहण के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
चंद्र ग्रहण के दौरान खाना न बनाएं और न ही खाएं। इस दौरान सोना भी वर्जित है। इस दौरान भगवान की पूजा करनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। भोजन तैयार हो तो उसमें गंगाजल और तुलसी के पत्ते डाल दें, जिससे वह शुद्ध हो जाता है। ग्रहण के बाद स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर पूजा करनी चाहिए।

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